सेंधा नमक या आयोडीन नमक
बचपन में हमारे घरों में साबुत नमक ही खरीद कर लाया जाता था। पीसा हुआ नमक नहीं लाते थे। चार आने में 20-20 सेर की दो बोरी नमक आ जाता था। नमक की डलियाँ अंदाज से दाल और कढ़ी में मिला दी जाती थी। जिस पानी से रोटी बनाने के लिए आटा साना जाता था उस पानी में भी नमक की डलियाँ अंदाज से घोल दी जाती थी। नमक डालने का अंदाज एकदम सटीक होता था। धीरे-धीरे नमक को घर में ही हाथ की चक्की से पीसा जाने लगा। एक साथ ज्यादा नमक पीसकर नहीं रखते थे। क्योंकि वह ढेलों में जम जाता था। आजकल आयोडीन नमक का प्रचलन हो गया है। पिछले 40 वर्षों में आयोडीन युक्त नमक बहुत मंहगा हो गया है। कुछ वैज्ञानिकों का मत है कि आयोडीन नमक का दुष्प्रभाव लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। नपुंसकता , गर्भाशय की गाँठ , प्रोस्टेट में सूजन , किडनी फेल्यर , मधूमेह , ब्लड प्रेशर , शिशु डायबिटीज आदि बीमारियाँ हम आयोडिन नमक के रूप में खरीद कर ला रहे है। आज से 40 साल पूर्व इन बीमारियों का नाम भी नहीं था जिस समय आयोडीन युक्त नमक नहीं था। समुद्री लवण सोडियम क्लोराइड छ।ब्स् में कुछ अंश मैग्नीशियम क