बाजरी का धमाका: जी-20 सम्मेलन मे

            


 संयुक्त राष्ट्रसंघ ने 2013 को "विश्व बाजरी वर्ष" के रूप मे मनाने का निर्णय लिया गया। भारत के 140 करोड़ लोगों की यह बहुत बड़ी जीत है। अमेरिका के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अमेरिका गए थे। उनके भोज मे बाजरी के व्यंजन विशेषकर परोसे गए थे। पूरे विश्व मे इसकी चर्चा हुई। 

            जोधपुर के अमित और सुमित सोनी जो बैकरी का व्यवसाय करते है, उन्होंने जयपुर मे हुई 4 TIWG एवं TIMM की बैठकों मे बाजरे का केक बनाकर काटा जिसकी सराहना की गई। दोनों भायो ने एपीडा के निमंत्रण पर इक्स्पीरीअन्स ज़ोन मे केन्द्रीय वाणिज्य एवं उधयोग मंत्री पीयूष गोयल एवं फ़्रांस के व्यापार और उधयोग मंत्री ओलिवर बेच्ट के साथ सभी मेहमानों ने बाजरी की कूकीज का आनंद लिया। जोधपुर की बनी इन कूकीज एवं 60 किलो बाजरे का केक संसद भवन के लंच मे RD'z बैकरी के द्वारा बना कर परोसा गया जो स्वादिष्ट एवं पौष्टिक भी है। डॉ सोनी पाँच तरह के फ्लेवरस की बाजरे की कूकीज बना रहे है। इसमे तिल, ड्राइ फ्रूट्स, जीरा, अजवाइन एवं चोकलटे शामिल है। एपीडा द्वारा इंडोनेशिया मे आयोजित एक ईवेंट मे इंडियन पवेलियन मे दोनों भाइयों ने अपनी स्टॉल मे बाजरे की कूकीज का प्रदर्शन किया जिनके विदेशों  से ऑर्डर आने की संभावना है। 

            जोधपुर स्थित CAZRI की प्रधान वैज्ञानिक डॉ प्रतिभा तिवारी के अनुसार लूनी पंचायत समिति के सर गाँव की मीरा पटेल और जोधपुर की ही ओसिया पंचायत समिति की कमला बाना के एनजीओ ने CAZRI से प्रशिक्षण लेकर बाजरी के खाखरे, बाजरी की चकरी, बाजरी के लडू आदि बनाए। नई दिल्ली मे 9 व 10  सितंबर को होने वाले जी-20 सम्मेलन मे जिसमे  40 देशों के राष्ट्राध्यक्ष और उनकी पत्निया आने वाली है, उनके भोजन मे ये व्यंजन विशेष रूप से परोसे जाएंगे। इनकी प्रदर्शिनी पूसा मे लगाई जा रही है। इस सम्मेलन मे 10000 से अधिक मेहमान भाग लेने वाले है जिनको चाँदनी चौक मे भारत के सुपेरफ़ूड्स को स्ट्रीट फूड के रूप मे परोसा जाएगा। यह एक अंतर्राष्ट्रीय स्थर का बहुत बडा सम्मेलन है।  

            योग प्रशिक्षक एवं नेचुरोपैथिस्ट डॉ विनोद यादव के अनुसार बाजरी को भी भोजन की थाली मे स्थान देना चाहिए। आयुर्वेद के मतानुसार व्यक्ति को भोजन अपनी प्रकृति, आयु, देशकाल एवं ऋतु के अनुसार करना चाहिए ताकि खाया हुआ भोजन पौष्टिक भी हो और सुपाच्य भी। जिन लोगों को गेहूं से ऐलर्जी हो उन्हे मिलेट्स का प्रयोग करना चाहिए। भोजन मे बाजरी को जरूर शामिल करे। इसमे विटामिन, प्रोटीन, मिनेरल्स आदि पोषक  तत्व भरपूर मात्रा मे पाए जाते है। 

Comments

  1. Thank You for sharing information 😊🙏

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  2. Great to see this kind of environmental change for good. Millet are preventive product for revolutionary effects for humans.. because of it's more nutritional properties.

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