सामूहिक विवाह मे बढ़ता खर्च : चिंता का विषय
शादी विवाह मे फिजूल खर्च को रोकने के लिए सामूहिक विवाह का प्रचलन शुरू हुआ। विभिन्न सामाजिक संस्थाएं इस कार्य को सफलता पूर्वक संपन्न करा रही है। राज्य सरकार भी इसको प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान राशि सामाजिक संघठनों के माध्यम से विवाहित दम्पति को FDR के रूप मे उपलब्ध कराती है। दम्पति के माता-पिता को अधिक भार नहीं पड़े इसलिए समाज के भामाशाओं और दानदाताओं से चंदा इकठा किया जाता है , उस चंदे की राशि से टेन्ट , भोजन व्यवस्था , निमंत्रण पत्र प्रकाशन , स्टेज कार्यक्रम , बैंड बाजे व घोड़े तथा दुल्हन के लिए अत्यधिक दहेज़ की व्यवस्था की जाती है।
खर्चा चाहे समाज करे या व्यक्ति स्वयं करे , खर्चा तो खर्चा ही होता है। कई जगह तो चार - पांच हज़ार लोगो के भोजन की व्यवस्था की जाती है। दहेज़ की मात्रा इतनी अधिक होती है की उसे दिखावे के लिए प्रदर्शित किया जाता है जिसे सारे समाज के लोग प्रदर्शनी की तरह उस दहेज़ के सामान को देखते रहते है। एक समाज ने तो सामूहिक विवाह में सौ वर्गगज का प्लाट भी दुल्हन के नाम करने की घोषणा की थी। इस प्रकार यदि देखा जाये तो समाज का धन और समय दोनों ही बर्बाद हो रहा है , इसका कोई अच्छा सन्देश समाज में नहीं जा रहा है। एक ही समाज में सामूहिक विवाह के लिए कई संस्थाए बन रही है और एक दूसरी संस्था की होड़ में कौन कितना अधिक खर्च करेगा , इसी में लगे रहते है।
सामूहिक विवाह का कार्यक्रम अपने मूल उद्देश्य से बहुत दूर भटक चुका है। इस समय आवश्यकता है सादगी पूर्ण तरीके से कम से कम खर्च में सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाना चाहिए। समाज के अग्रणी विचारको तो इसके लिए guideline बनानी चाहिए और प्रतिवर्ष उसमे सुधार करे कि कम से कम खर्च में अधिक से अधिक जोड़ो को विवाह सूत्र में बाँध सके।
This is true reality, very well written blog.
ReplyDeleteSociety must act accordingly.
This is most important & Utmost Truth ! We must realize & seriously think over it in detail. I Request to all our Honorable & Respnsible society members to organize marriage ceremony in most simply and avoid pump & shows!
DeleteReally this is most important
Deleteand utmost Truth .We must realize and think over it in detail . I Request all the Respected & Responsible society members to organize marriage ceremony most simply and avoid all pump & shows .
Very nice thoughts.
ReplyDeleteReally true.
ReplyDeleteइस अच्छे विचार को समाज में धारण करना चाहिए
ReplyDelete100% true. We need more people like you sir to support simple weddings.
ReplyDeleteSuperb sir
ReplyDeleteSociety must be accept this truth and do proper planning.
ReplyDeleteThis is the very true reality said.
ReplyDeleteEveryone should participate his duty with honesty against this system.
ReplyDeleteझूंटी शान अच्छे से अच्छे उद्देश्य को पीछे छोड़ देती है। इससे बचना ज़रूरी है।
ReplyDeleteGreat article
ReplyDeleteअच्छे विचार व्यक्त किए गए हैं सामूहिक विवाह के आयोजकों को इस पर चिंतन करना चाहिए।
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