ब्रह्य मुहूर्त

             


प्रातःकाल चार बजे से लेकर पाँच बजे तक के समय को ब्रह्य मुहूर्त कहते है। इस मुहूर्त में विशेष कार्यो के द्वारा हम अपनी जीवनकाया को पलट सकते है। इस काल को जीवन का  सबसे प्रमुख और मूल्यवान समय माना जाता है। यदि आप इस समय को उठकर विभिन्न प्रकार के सकारात्त्मक कामों में लगाते है तो आपके जीवन के अनुभव बेहतर हो सकते है और आप सफलता की सीढ़ियाँ आसानी से चढ़ सकते है। ब्रह्य मुहूर्त चमत्कारी होता है। यदि आपने इस समय नियमित उठने का प्रण कर लिया है तो आपको तरक्की करने से कोई रोक नहीं सकेगा।

        ब्रह्य मुहूर्त में उठने से मन में ताजगी और शांति की अनुभूति होती है। इस समय मन स्थिर रहता है। अतः चिंताऐं और तनाव कम होता है। ब्रह्य मुहूर्त में शरीर में वातदोष का प्रकोप नहीं होता है। इस समय उठने से शरीर में ऊर्जा का संचय और शरीर स्वस्थ रहता है। मन में नकारात्त्मक विचार बिल्कुल नहीं आते है। ध्यान और प्रार्थना करने के लिये यह समय अतिउत्तम होता है। ब्रह्य मुहूर्त को दिन के समय में से प्रमुख और मूल्यवान समय माना गया है। सूर्य की नई-नई किरणें पृथ्वी पर पड़ने के पूर्व आपका उठना वैदिक, ज्योतिष और आयुर्वेद में महत्त्वपूर्ण माना गया है। ब्रह्य मुहूर्त में उठने से आपके प्रतिदिन के कार्यो में तीन से चार घण्टों की बढ़ोतरी हो जाती है और देरी से उठने पर यह समय कम हो जाता है। यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि आपको प्रातः जल्दी उठने पर अनायास ही मिल जाती है।

        ब्रह्य मुहूर्त में उठकर ईश्वर को याद करना अर्थात् संध्यावंदन, ध्यान करना, प्रार्थना करना और अध्ययन करना इस समय का सबसे बड़ा सदुपयोग है। विद्यार्थी वर्ग के लिये इस समय उठकर अध्ययन करना अतिउत्तम है। इस समय में पढ़ा हुआ जल्दी याद हो जाता है और जल्दी से भूल भी नहीं सकते अतः यह समय विद्यार्थी के लिये अध्ययन का सबसे उत्तम माना गया है।

        स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिये ब्रह्य मुहूर्त अतिउत्तम समय होता है। सवेरे उठकर मालिश करना, हल्के व्यायाम करना और शरीर को स्वस्थ रखने के लिये मार्निंगवाक करना चाहिए। सुविधा के अनुसार साइकिलिंग भी कर सकते है। ब्रह्य मुहूर्त में मेडीटेशन करने से स्ट्रेस दूर रहता है। मन की सभी चिंताओं से मुक्ति मिलती है। मानसिक शांति का अनुभव होता है। स्मरण शक्ति बढ़ती है। आँखों के व्यायाम करने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। प्रातःकाल की ताजी हवा में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। हवा में धूल के कण कम हो जाते है। यह ताजी हवा फेंफड़ों के लिये प्राणदायक होती है। ब्रह्य मुहूर्त की ताजी हवा श्वसन संस्थान की बीमारियों को ठीक करने के लिये अमृतदायी होती है। ब्रह्य मुहूर्त में उठने के लाभ धीरे-धीरे आपके मन पर और चेहरे पर दिखाई देने लगते है।

        प्रातःकाल का समय मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिये अमूल्य समय होता है। इसका प्रतिदिन सदुपयोग करना अत्यावश्यक है। यह समय निकलने के बाद पुनः नहीं मिलता है। यह समय ऐसा होता है जिस समय हमें अपने आसपास ईश्वर की मौजूदगी का अनुभव होने लगता है। चारों तरफ सन्नाटा रहने के कारण मन शांति में लीन हो जाता है। ज्यादा समय तक सोने से नींद की क्वालिटी अच्छी नहीं होती है। प्रातःकाल उठने से शाम को समय पर गहरी नींद आ जाती है। जो मन, शरीर और मस्तिष्क के लिये आवश्यक है। सवेरे जल्दी नहीं उठना और रात को देर तक जागना, हर तरह से हानिकारक होता है। जल्दी सोना और जल्दी उठना जीवन का अनुशासन होना चाहिए। ब्रह्य मुहूर्त में उठने की आदत को दिनचर्या का हिस्सा बना लेते है तो कार्यकुशलता में सुधार आता है। देर से उठने वालों की प्रोड्क्टीविटी कम हो जाती है। अक्सर उनके काम अधूरे ही रह जाते है और धीरे-धीरे उनकी आदत हर काम को पेंडिंग रखने की पड़ जाती है।

        ब्रह्य मुहूर्त में चिड़ियों का चहचहाना शुरू हो जाता है। सभी पक्षी अपनी-अपनी भाषा में गाते गुनगुनाते है। हर जीव जन्तु ब्रह्य मुहूर्त में जगकर अपनी दिनचर्या शुरू कर देते है और शाम को जल्दी विश्राम करते है। यह उनकी तंदरूस्ती का रहस्य है। गाँवों में ब्रह्म मुहुर्त में उठना हर किसान की दिनचर्या का हिस्सा है। शहरों में भी कई लोग सुबह जल्दी उठकर अपने काम में मजबूरी वश लगते है क्योंकि उनका काम का समय इसी प्रकार निश्चित होता है। देर से सोना और देर से उठना आजकल नई पीढ़ी की आदत बनता जा रहा है जो मानिसक और शारीरिक स्वास्थ्य को नष्ट कर रहा है। ब्रह्य मुहूर्त जीवन का अमृतकाल कहा गया है। कहते है कि ब्रह्य मुहूर्त में सभी देवता पृथ्वी पर भ्रमण करते है अतः उस समय जागने पर सभी देवताओं का अदृश्य सानिध्य मिलता है।

Comments

  1. The effects of early rising and good morning routine on good health nicely described.

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