दीर्घायु का रहस्य

             


    विश्व में कुछ जगह ऐसी है जहाँ के लोग सबसे अधिक उम्र तक जीते है। उस क्षेत्र को वैज्ञानिकों ने ‘‘ब्लूजोन‘‘ का इलाका माना है। वैज्ञानिकों की शोध के अनुसार ब्लूजोन के इलाके में रहने वाले लोगों की आयु 100 वर्ष से अधिक भी पाई गई है। अमेरिका के कैलीफोर्निया राज्य का लोमालिंडा क्षेत्र, जापान का ओकिनावा क्षेत्र, यूनान का विकारिया क्षेत्र, इटली का सार्डिनीया क्षेत्र और मध्य अमेरिकी देश कोस्टा रिका का निकाया क्षेत्र ऐसे है जिन्हें वैज्ञानिक लोग ब्लूजोन कहते है।

        कोरोना वायरस के कारण बहुत से लोग समय से पूर्व ही चल बसे। इतना ही नहीं बहुत सी ऐसी बीमारियाँ भी है जो समय से पूर्व ही लोगों की जिन्दगी छीन लेती है। भारत में अपने से छोटों को आर्शीवाद देते समय 100 वर्ष जीने का आर्शीवाद देता है ‘‘जीवेद् शरदः शतम्‘‘। आखिर ब्लूजोन के लोग जिन्दगी को किस प्रकार जीते है कि वे 100 साल से ऊपर तक जी लेते है।

        वैज्ञानिकों का मत है कि इसका मुख्य कारण लोगों का खानपान है। ब्लूजोन इलाके में रहने वाले लोग कम खाते है। वहाँ के लोग 80 प्रतिशत पेट भरने के बाद ही खाना बंद कर देते है। उनका मानना है कि यदि हम 10 प्रतिशत कैलोरी कम लेते है तो इससे आयु बढ़ने की गति धीमी हो जाती है। हार्वड युनिवर्सिटी के जीव विशेषज्ञ डी. गोविन्दराजु कहते है कि कम खाने से डीएनए में नुकसानदेह परिर्वतन नहीं होते है। साथ ही ब्लूजोन इलाके में रहने वाले लोग अधिकतर शाकाहारी होते है। शाकाहार से उनके मेटाबाल्जिम अर्थात् खाने को पचाने की क्षमता पर सकारात्मक असर पड़ता है।

        विभिन्न रिसर्च से यह प्रमाणित हो चुका है कि मजबूत सामाजिक संबंध हमारा तनाव कम करते है। मित्रता व सामाजिक रिश्ते हमारी मानसिक और शारीरिक गतिविधियों के लिये अच्छे माने जाते है। अच्छे आपसी संबंध हमारे स्वास्थ्य को उसी तरह प्रभावित करते है जिस तरह खानपान और व्यायाम प्रभावित करते है।

            100 साल से ज्यादा उम्र जीने के लिये धार्मिक आस्था भी अहम रोल निभाती है। ब्लूजोन के लोग धार्मिक आस्था वाले होते है। सभी ब्लूजोन्स में रहने वाले लोगों की आस्था और विश्वास अपने-अपने धर्म और धर्मस्थलों में प्रगाढ़ होती है। धार्मिक आस्था का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहता है।

            रिसर्च में यह भी सामने आया कि जिन-जिन ब्लूजोन के क्षेत्रों का वर्णन किया गया है यह प्राकृतिक रूप से अतिसुन्दर है। अधिकतर ये पहाड़ी इलाके अपनी खूबसूरती के लिये प्रसिद्ध है। ऐसे क्षेत्रों में खेती करने वालों को अक्सर पहाड़ी रास्तों पर उतरना चढ़ना पड़ता है। इस कारण उनकी अच्छी खासी कसरत हो जाती है। शारीरिक श्रम नियमित होने से वहाँ के लोगों का शरीर स्वस्थ रहता है। अतः वे लम्बी आयु तक जिन्दा रहते है।

        इस प्रकार देखा जाता है कि ब्लूजोन में रहने वाले लोगों की लम्बी आयु का केवल एक कारण नहीं है बल्कि कई कारण होते है। संयम और धीरज रखने का लाभ उनको मिलता है। फल और सब्जियों से भरपूर लेकिन कम खाना, नियमित रूप से प्रतिदिन शारीरिक श्रम करना, कॉफी पीना, अपने मुश्किल के दौर में आध्यात्म की शरण लेना आदि अनेक कारणों से ब्लूजोन में रहने वाले लोगों की उम्र शतायु से अधिक होती है।

        भारत के पहाड़ी क्षेत्र जैसेः- हिमाचल और उत्तराखण्ड के ऊँचे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का जीवन भी ब्लूजोन के लोगों से तुलना की जा सकती है। 100 वर्ष से अधिक आयु तक जीने के सभी नुस्खे इन लोगों के जीवन में भी अमल में लाये जाते है। यहाँ की प्राकृतिक छटा भी अतिसुन्दर होती है। धार्मिक भावना, शाकाहारी भोजन और प्रतिदिन मेहनत इनकी लम्बी उम्र का मूलभूत कारण है। उपरोक्त सिद्धांत अपने जीवन में लाकर आप भी उनकी तरह शतायु हो सकते है।

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