कमरख : एक चमत्कारी फल

                


 स्वास्थ्य को संतुलित रखने के लिये हम विभिन्न प्रकार के फलों का सेवन करते है। सभी फलों में स्वाद, सुगंध और पोषक तत्त्व अलग-अलग होते है। अलग-अलग सीजन में अलग-अलग फल पैदा होते है। भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार भी फलों की वैरायटी अलग-अलग होती है। आजकल टं्रासपोर्ट के साधन तेज हो गये है। अतः कोई भी फल विश्व के किसी भी भाग में पंहुच जाता है।

                     कमरख जिसे स्टार फ्रूट भी कहते है, एक बहुत ही लाभदायक फल होता है। यह पूरे भारत में कहीं कम और कहीं ज्यादा पाया जाता है। कच्चा होने पर यह हरे रंग का रहता है जिसकी चटनी बनाकर खाई जाती है। पकने पर यह पीला हो जाता है जिसे फल के रूप में खाया जाता है। पकने पर इसका खट्टापन कम हो जाता है और मीठापन बढ़ जाता है।

                    पकने पर कमरख के फल में मिठास अधिक हो जाती है। पका हुआ फल शक्तिवर्धक और ताजगी देने वाला होता है। कमरख का फल खुशबूदार, गूदेदार और रसीला होता है। वर्ष में इसकी दो बार फसल आती है। इसका अधिकतर उपयोग सलाद, फ्रूट चाट और स्ट्रीट फूड में होता है। इसकी चटनी और सॉस भी बनाये जाते है। यह उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, उड़ीसा के पहाड़ी और मैदानी भागों में बड़ी मात्रा में पाया जाता है।

                    कमरख में विटामिन ए, बी और सी के साथ-साथ फॉस्फोरस, जिंक, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम और आयरन अच्छी मात्रा में होता है। इसमें लेक्टीक एसिड भी काफी पाया जाता है। इसका सेवन करने से आयु लम्बी होती है और शरीर में खुबसूरती आती है। इससे हमारे शरीर में खनिज और विटामिन्स की पूर्ति होती है। इसके फलों में फाइबर अधिक होता है, जो पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।

                     कमरख खाने से कई लाभ होते है। पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। बालों के लिये यह अत्यधिक पोषक तत्त्वों को देने वाला होता है। विटामिन बी काम्पलेक्स की वजह से यह महिलाओं के बालों को तेज गति से बढ़ाता है और उन्हें मजबूती देता है। एग्जीमा रोग में कमरख लाभदायक होता है। इसका प्रयोग करने से त्वचा में चमक आती है। वजन कम करने के लिये भी कमरख का उपयोग किया जाता है। एक कमरख में 25 से 30 कैलोरी को कम करने की क्षमता होती है। जिन लोगों को भूख नहीं लगती है उनके लिये कमरख फायदेमंद होता है। प्रातःकाल एक कमरख का जूस चीनी मिलाकर पीने से भूख बढ़ती है। कमरख कफ, पित और रक्तविकार की समस्या को दूर करता है। कमरख में विटामिन बी 9 होता है जो हमारे हृदय को स्वस्थ रखता है। हृदय को स्वस्थ रखने और उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाने में कमरख में मौजूद पोषक तत्त्व सहायक होते है। इसमें पोटेशियम और कैल्शियम की मात्रा भी पाई जाती है जो रक्तचाप को उचित रखने में मदद करती है।

            कमरख खाने से हड्डियाँ मजबूत होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कमरख का सेवन करने से माताओं में प्रसव उपरान्त अधिक दूध बनने लगता है। डायबिटीज में कमरख लाभकारी होता है। इसके रेशे ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित करते है। इसका अघुलनशील रेशा शरीर में इन्सुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। मधुमेह से छुटकारा पाने वाले लोगों के लिये यह आदर्श आहार है। कमरख का उपयोग कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। कमरख के फल में प्राकृतिक वसा की मात्रा बहुत कम होती है और रेशा अधिक पाया जाता है। इस तरह यह आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल के उपयुक्त स्तर को बनाये रखने में सहायक होता है। शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। यह दिल का दौरा और स्ट्रॉक के खतरों को कम करता है।

                    कमरख एंटीऑक्सीडेन्ट होता है। यह इम्युनिटी को बढ़ाता है। इसके उपयोग से दस्तों में भी लाभ होता है और इसमें डाईयूरेटिक गुण भी होता है। अल्सर को रोकने में कमरख का विशेष योगदान रहता है। कैंसर रोगों में भी कमरख लाभप्रद होता है।

                     कमरख का उपयोग करने में कुछ सावाधानियाँ भी रखनी चाहिए। ज्यादा कमरख खाने से किडनी को नुकसान हो सकता है। कमरख को कभी भी बुर्जुग रोगियों और खाली पेट नहीं खाना चाहिए। किडनी के रोगियों को कमरख नहीं खाना चाहिए। रोगी को अपने नियमित चिकित्सक से परामर्श करके ही इसका सेवन करना चाहिए।

Comments

  1. बहुत शानदार

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  2. Valuable information

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  3. बहुत अच्छी जानकारी धन्यवाद

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  4. Very useful information about medicinal properties of star fruit.

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