सूखी मालिश का विज्ञान
मेरे एक गाय और बछड़ा है। मैं कभी-कभी इनकी पीठ और गर्दन पर हाथ फेर-फेर कर सहलाता हूँ। इनको यह सहलाना बड़ा अच्छा लगता है। जब मुहँ पर हाथ फेरता हूँ तो वे अपने मुहँ को ऊपर करके इशारा करते है कि यहाँ-यहाँ हाथ फेरो। सहलाने, दुलार करने और थपथपाने से बच्चे भी बहुत प्रसन्न होते है। सहलाना बच्चों को बहुत अधिक सुहाता है। सहलाने से उनका रक्त प्रवाह बढ़ता है। मांसपेशियों को सुख की अनुभूति होती है। वे चाहते है कि यह थपथपाना जारी रहे। उनको एक आत्मिक सुख की अनुभूति होती है।
अपने स्वंय के शरीर पर
खुद के हाथों से धीरे-धीरे बिना तेल के मालिश करनी चाहिए। सवेरे उठते वक्त
नित्यकर्म से निवृत होकर कहीं पर भी बैठकर अपने पूरे शरीर पर हाथ से धीरे -धीरे
मालिश करनी चाहिए। अधिक जोर नहीं देना चाहिए। यह प्रक्रिया रात को सोते समय भी
दोहरानी चाहिए। प्रातः काल की सूखी मालिश शरीर में स्फूर्ति लाती है। रक्त संचार
सुचारू रूप से होता है। मांसपेशियों में तनाव कम हो जाता है। कभी-कभी तो ऐसा मालूम
होता है कि मालिश करते ही रहे। समय का भी पता नहीं चलता है। रात्रि के समय की गई
मालिश से गहरी नींद आती है। बुरे सपने नहीं आते है।
मालिश करते समय इस बात का ध्यान रखना है कि
हाथों को सुहाता हुआ धीरे-धीरे चलावें। हाथों को नीचे से ऊपर की और चलाना चाहिए।
सूखी मालिश को और आनन्ददायक बनाने के लिये अपनी पंसद का कोई भी ऐरोमेटिक ऑयल, चन्दन या चमेली का तेल
आदि की दो-चार बूंद अपनी हथेलियों में रगड़कर हथेलियों को खुशबूदार बना लें।
खुशबूदार हथेलियों से खुद की मालिश करने पर आनन्द की अनुभूति होती है। मानसिक तनाव
बिल्कुल समाप्त हो जाता है। जिन लोगों को डिप्रेशन या अवसाद की बीमारी हो उनके
लिये यह खुशबूदार मालिश रामबाण दवा है। सूखी मालिश से शरीर के रोम छिद्र खुल जाते
है। पसीने के रूप में बाहर आने वाले शरीर के विजातीय तत्त्व आसानी से बाहर निकलते
रहते है। यह शरीर शुद्धिकरण की अनौखी प्रकिया है।
सूखी मालिश करने से दिनभर की सारी थकान मिट जाती
है। नियमित सूखी मालिश करने से हमें अपनी बॉडी के बारे में कई नई बातें पता चलती
रहती है। कई बार हमें स्वंय अपने शरीर के अंगो के बारे में पता ही नहीं होता वहाँ
पर कोई अवरोध विद्यमान है। लेकिन सूखी मसाज नियमित करने पर हाथ, पैर, गर्दन, चेस्ट, पेट, सिर आदि सभी अंगो पर
मालिश करने से हमें अधिक आराम मिलता है। धीरे-धीरे आपको शरीर में होने वाले बदलाव
के संकेत मिलने शुरू हो जाते है।
स्वयं सूखी मालिश करने वालों के दिमाग और शरीर में बेहतर
तारतम्यता होती है। स्वंय द्वारा की गई सेल्फ सूखी मसाज खुद से खुद को जोड़ने का
काम करती है। अपने आपको प्यार करना सिखाती है। अन्दर से शांत और सूखी होता है।
भावनात्मक रूप से सूखी मालिश मजबूती लाती है। जो मनुष्य स्वंय को सूखी मालिश
नियमित करता है वह सदैव खुद को स्वस्थ अनुभव करता है। जो व्यक्ति स्वंय सुख का
अनुभव करता है वह भावनात्मक रूप से मजबूत होता है और उसका आत्मविश्वास अपने आप ही
बढ़ा हुआ रहता है। आप के चेहरे की आभा इतनी तेज होती है कि आपका व्यक्तित्व और
गहरेपन की तरह झलक देता है।
स्वयं द्वारा खुद की सूखी
मसाज करने से धीरे-धीरे अपने शरीर के बारे में आपको यह अनुभव होगा कि शरीर के किस
अंग पर, किस पॉइंट पर
कितना प्रेशर कितने समय तक डालने से दर्द या पीड़ा में आराम मिलता है। यह अद्भुत
ज्ञान आपको कोई सिखा नहीं सकता। कमजोर और दुबले-पतले शरीर वाले लोगों के लिये यह
सूखी मालिश बड़ी लाभदायक रहती है। शरीर में जमा चर्बी और मोटापे को कम करने में
सूखी मालिश अधिक लाभदायक है। जोड़ों के दर्द, पीठ का दर्द, पैरों का दर्द, साईटिका आदि में इस मालिश को करते रहने से धीरे-धीरे लाभ
होता है। विभिन्न रोगों की अवस्था में शरीर के अलग-अलग अंगों की मालिश करने का
विधान है। तनाव और डिप्रेशन दूर करने के लिये सुगन्धित तेल की दो चार बूंदे हथेली
में लगाकर ललाट, सिर और गर्दन में
धीरे-धीरे मालिश करने से नाड़ियों की निर्जिवता दूर होती है और मन व मस्तिष्क को
शांति मिलती है। दादी और नानी भी छोटे बच्चों की तेल से मालिश करने से पहले काफी
देर तक सूखी मालिश करती है। तेल की मालिश करने के बाद भी बच्चे के शरीर को काफी
देर तक थपथपाया जाता है।
सूखी मालिश हर ऋतु में की
जा सकती है। सवेरे मालिश करने के बाद तुरंत स्नान नहीं करना चाहिए। मालिश के बीस
पच्चीस मिनट बाद गुनगुने पानी से नहाना चाहिए। रात्रि को सोते समय मालिश करके
तुरंत सो जाना चाहिए। अलग-अलग अंगों पर मालिश करने के लिये विशेष प्रकार से हाथों को
नीचे से ऊपर की और घुमाना चाहिए। सिर की मालिश, गर्दन और चेहरे की मालिश, छाती की मालिश, हाथ और पैरों की मालिश करते समय काफी ध्यान
रखना चाहिए। मालिश करते समय जितनी आवश्यकता हो उतने ही वस्त्र पहने जो ढीले ढाले
हो। मालिश करने से पूर्व अपने नाखूनों को अच्छी तरह काटा हुआ होना चाहिए। मालिश
करते समय अपनी पसंद का हल्का संगीत सुनें और मालिश को एंजाय करें। विशेष बीमारी
में विशेषज्ञ की सलाह लेकर मालिश करनी चाहिए। इस प्रकार सूखी मालिश बिना खर्चे की
स्वस्थ रहने की प्रक्रिया है जिसे प्रतिदिन करते रहना चाहिए।
Very good information about massage
ReplyDeleteVery useful information about massage.
ReplyDeleteबहुत ही सामान्य लेकिन काम की बात। सूखी मालिश के इन गुणों के बारे में पहली बार पता चला। धन्यवाद नारायण जी।
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी जानकारी के लिए साधुवाद
ReplyDeleteVery useful information about dry massage.
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