साबूदाना

             


    साबूदाना का नाम आते ही मोतियों की चमक वाले सफेद-सफेद दाने जिनको अधिकतर व्रत में खाया जाता है ध्यान में आता है। फलाहार के रूप में इनका सेवन किया जाता है। साबूदाना के कई व्यंजन बनाये जाते हैं। यह एक स्वास्थ्यवर्धक भोजन है।

        गर्मी पर नियंत्रण करने के लिये और शरीर में बढ़ी हुई गर्मी को कम करने के लिये साबूदाना का प्रयोग चावल के साथ किया जाता है। पेट खराब होने दस्त लगने पर साबूदाना की खीर बिना दूध के बनाकर खाई जाती है। साबूदाना में पाया जाने वाला पोटेशियम ब्लड सर्कुलेशन को नियंत्रण करता है और मांसपेशियों को ताकत देता है। साबूदाना पाचन क्रिया को ठीक करता है। गैस व अपच की समस्या को दूर करता है। साबूदाना में कार्बोहाइड्रेड की अच्छी मात्रा होता है। जो शरीर को तुरंत व आवश्यक ऊर्जा देता है। साबूदाना में फोलिक एसिड और विटामिन बी, कॉम्प्लेक्स भी होता है। जो गर्भवती महिलाओं के लिये लाभकारी है। साबूदाना में मौजुद कैल्शियम, आयरन और विटामिन के. भरपूर होता है। जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। साबूदाना वजन बढ़ाने के लिये भी खाया जाता है। साबूदाना का फेस मॉस्क बनाकर चेहरे पर लगाने से झुर्रियाँ कम होती है और चेहरे पर कसाव आता है।

        साबूदाना सागो नाम के ताड़ वृ़क्ष जो अफ्रीका में पाया जाता है उससे बनाया जाता है। इस पेड़ के तने में स्टॉर्च होता है। उसी स्टॉर्च को निकालकर मशीनों से साबूदाना बनाया जाता है। भारत के केरल, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में इसकी खेती की जाती है।

        आजकल टोपियोका अर्थात् कसावा की जड़ों से स्टॉर्च निकालकर साबूदाना बड़ी मात्रा में बनाया जाता है। केरल और तमिलनाडु के सीमावर्ती जिला पालघाट में साबूदाना बनाने की कई फैक्ट्रियाँ लगी हुई है। इन फैक्ट्रियों में कसावा की जड़ों से साबूदाना बनाने का काम लम्बे समय से किया जा रहा है। अधिकतर साबूदाना पर पालिश भी की जाती है।

        साबूदाना बच्चों के खाने के लिये और सुबह के नाश्ते के लिये मशहूर है। साबूदाना की खीचड़ी, खीर, वेफर्स, साबूदाना वड़ा आदि कई व्यंजन घरों में बनाये जाते है। जो व्रत में तो खाया ही जाता है लेकिन स्नेक्स और नाश्ते के रूप में भी खाया जाता है। इस प्रकार साबूदाना एक शाकाहारी और प्राकृतिक खाद्य पदार्थ है। बहुत अधिक मात्रा में इसको नहीं खाना चाहिए। बाजार में कई कम्पनीयों की ब्रांड नाम से साबूदाना बिकता है। अपनी आवश्यकता के अनुसार खरीदकर लाने चाहिए। अधिक मात्रा में इसको खरीरदकर नहीं रखना चाहिए।

        साबूदाना का प्रयोग करने में कई सावधानियाँ भी रखनी चाहिए। जिनको शुगर की बीमारी हो वे अपने डॉक्टर से सलाह करके ही साबूदाना को अपनी डाईट में शामिल करे। अधिक सेवन करने पर मोटापा, मधुमेह, दिल की समस्या, रक्तचाप आदि बीमारियाँ होने का भी डर रहता है। जिन लोगों के शरीर में प्रोटीन की कमी हो उन्हें साबूदाना से बचना चाहिए।

        साबूदाना को उपयोग करने के कई तरीके घर में महिलायें अच्छी तरह से जानती है। इसकी खीर बनाना, चटपटी खिचड़ी बनाना, बडे़ और टिकिया बनाना, पापड़ बनाना, सलाद बनाना, लड्डू बनाना आदि जानती है। महाराष्ट्र में साबूदाना में कई सब्जियाँ मिलाकर थालीपीठ बनाया जाता है जो वहाँ की मशहूर डिश है। इस प्रकार साबूदाना लाभप्रद चीज है।

Comments

  1. बहुत अच्छी जानकारी दी सर

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  2. Perfectly written and use of simple words.

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