चिया सीड

              


  विश्व के सुपर फूड्स में चिया सीड्स का महत्त्वपूर्ण स्थान है। चीया सीड़ मुख्यरूप से ग्वाटेमाला और दक्षिणी मैक्सिको में पाया जाता है। इस पौधे के बीज काम में लिये जाते है। इसकी मांग बढ़ने के कारण कम्बोडिया, आस्ट्रेलिया, बोलीविया, पेरू और अर्जेंटीना में भी इसकी खेती बड़ी मात्रा में की जा रही है। भारत में भी पिछले दस वर्षो से इसकी खेती राजस्थान, उत्तरप्रदेश, व मध्यप्रदेश में की जाने लगी है। चिया सीड़ में पोषक तत्त्व भरे पड़े है। कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फेट, एनर्जी, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस आदि बड़ी मात्रा में पाये जाते है। मुख्य रूप से चिया सीड़ का उपयोग इसलिए किया जाता है कि इसमें एन्टीऑ़क्सीडेन्ट गुण होते है, कोलेस्ट्रॉल कम करने की क्षमता होती है, रक्तचाप को कम करता है, सूजन कम करता है, इसमें एंटीकैंसर गुण होते है और यह ब्लड शुगर को भी कम करता है। इतनी सारी खुबियों के कारण इसका सेवन दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। 

                    ऐसा माना जाता है कि चिया सीड़ का सेवन सिरम कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकता है, क्योंकि इसमें अनसैचुरेटेड ओमेगा-3 फेटीऐसिड और डाइटरी फाइबर बहुत ज्यादा होता है, अतः चिया सीड़ दिल के रोगों से लडने में मदद करता है। चिया सीड़ खाकर मोटे लोग अपना वजन और फेट कम करते है।

                    चिया सीड़ का उपयोग कई तरह से किया जा रहा है। साबूत बीज को पानी या शर्बत के साथ मिलाकर किया जा सकता है। इसके बीज से कई प्रोडक्ट भी बनाए जाते है। जैसेः- चिप्स आदि। इसके बीजों का तेल भी निकाला जाता है। इनके बीजों को पीसकर खाने की कई चीजों में मिलाकर खाया जाता है। चिया बीज में भरपूर फाइबर होने के कारण पाचन में सुधार करता है। भोजन के बाद इसको खाने से आतों से सम्बन्धी समस्याएँ व कब्ज ठीक करता है। 100 ग्राम चिया सीड़ में 40 ग्राम डाइट्रीफाइबर पाया जाता हे। जो भोजन के पाचन को सहारा देता है। चिया सीड्स से कब्ज नहीं रहती है। चिया सीड्स तनाव और उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। चिया सीड्स में मौजूद मिनरल और विटामिन हमें काम करने की शक्ति प्रदान करते है। चिया सीड़ का सेवन करने से वर्कआउट में सुधार होता है इसलिए कई जिम वाले महंगे एनर्जी डिं्रक के तौर पर चिया सीड़ का प्रयोग करते है।

                     चिया सीड़ वजन कम करने में भी मदद करते है। चिया सीड़ में कुछ ऐसे तत्त्व पाये जाते है जो पेट और आंतो में जमा चर्बी को पिघला देते है। इसकी मदद से वजन नहीं बढ़ता है तथा भूख भी कम लगती है। हालांकि भूख कम महसूस होती है। फिर भी खाने की कमी नहीं लगती है। हृदय संबंधी बीमारियों में चिया सीड़ बहुत उपयोगी है। इसके सेवन से धमनियों में ब्लाकेज का खतरा भी कम हो जाता है। चिया सीड़ में विटामिन ए और फास्फोरस अधिक होने के कारण दांत मजबूत और आकर्षक होते है। गर्भवती महिलाओं को थकान, ब्लडशुगर में बढ़ोतरी और विटामिन और खनिज की कमी जैसी विभिन्न समस्याओं का अनुभव होता है। अतः उनके लिए चिया सीड़ उपयोगी होता है। चिया सीड़ में ओमेगा-3 फेटीऐसिड होता है जो भू्रण के मस्तिष्क में सुधार करती है। चिया सीड़ ब्लडशुगर को नियंत्रित करने के लिए शरीर की इन्सूलिन निर्भरता को कम करता है। इसलिए मधूमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है। चिया बीज का सेवन करने से पूर्व अपने डाइटीसियन की सलाह जरूर ले। 

        राजस्थान में चिया सीड अक्टूबर-नवम्बर में बोया जाता है। एक हेक्टेयर में 3 किलो बीज पर्याप्त होता है। खेत की तैयारी करके क्यारियां बना कर बीज को छिड़ककर बोया जाता है। बहुत बारीक बीज होने के कारण इसमें दुगुनी बजरी मिलाकर बीज को छिड़कना चाहिये। जैसे जीरा बोया जाता है। वैसे ही चिया सीड बोया जाता है। चिया सीड को 4-5 सिंचाई की आवश्यकता होती है। एक बार खरपतवार भी निकालना जरूरी होता है। इसकी फसल मार्च में पककर तैयार हो जाती है। फसल को काटकर त्रिपाल पर रखनी चाहिये। सूखने पर थ्रेसर से बीज निकाल लिया जाता है। एक हैक्टेयर में 3 से 4 क्विंटल चिया सीड का उत्पादन होता है। इसका बीज बहुत बारीक होता है। अतः थ्रेसिंग सावधानी से करनी पड़ती है।

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