रासायनिक कीटनाशकों का आतंक
रणथंबोर राष्ट्रीय अभ्यारण के रेंजर श्री महेश शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि रणथंबोर राष्ट्रीय अभ्यारण से 500 मीटर दूर 10 बीघा मे फैले तालाब मे रविवार को मछली, मेंडक, साँप, पक्षियों सहित डेढ़ लाख जलीय जीव मरे मिले। किनारे पर जानलेवा कीटनाशी व रसायन की थैलियां, कट्टे, बोतले पड़े मिले। ग्रामीणों का आरोप है कि बहरावंडा खुर्द पंचायत ने जुलाई मे 80 हजार रुपए मे सिंघाड़े की खेती के लिए तालाब जैतपुर के 4 ठेकेदारों को ठेके पर दिया था। उत्पादन बढ़ाने के लिए 6 सितंबर को दिनभर 10 नावों से कीटनाशी व रसायन छिड़के गए थे। तालाब मे 2 मगरमच्छ लापता व 5 अधमरी हालत मे है। आसपास वन क्षेत्र मे 7 बाघ, 12 पैंथर, 9 भालू सहित सैकड़ों वन्यजीव विचरते है। इनके सहित पालतू मवेशी भी यहा पानी पीने पहुंचते है, जिन्हे भी खतरा है।
पूरे देश मे पेयजल, खेती
के लिए, पशुधन को पिलाने के लिए एवं वन्य जीवों के पीने के लिए प्रतेक छोटे से
छोटे गाँव मे नाड़ी, तालाब और छोटे एनीकट बनाए गए थे। कई ग्रामपंचायाते अपनी आए को
बढ़ाने के लिए इन जलाशयों मे सिंघाड़े की खेती करने के लिए लीज पर देते है। कुछ बड़े
जलाशय मछली पालन के लिए भी सरकारी विभाग द्वारा दिए जाता है। लालची ठेकेदार अपने
लोभ के कारण सिंघाड़े की खेती मे अनाप शनाप कीटनाशकों का प्रयोग करते है। इसका सीधा
असर मनुष्यों, पशुयों, जलीय जीव जंतुयों एवं वानय जीवों के स्वास्थ्य पर पढ़ता है। कई
जगह इनका पानी किसानों को सिंचाई के लिए भी दिया जाता है। पानी मे मिले खतरनाक
रसायन सिंचाई के द्वारा फसलों मे चला जाता है और वह मनुष्य की खाद्य श्रंखला मे
प्रवेश कर जाता है। इतना ही नहीं जिस जमीन मे इस खतरनाक पानी से सिंचाई की जाती है
वाह खेत भी प्रदूषित हो जाता है।
रासायनिक कीटनाशको की
श्रंखला कभी समाप्त नहीं होती। स्वास्थ् पत्रिका मे शोध पेपर मे प्रकाशित हुआ की
आज कल स्थानपान कराने वाली मातायों के दूध मे भी कीटनाशक मिले है जो शिशु के हृदय,
लिवर, किड्नी आदि अंगों पर आक्रमण करते है। खेत मे डाला हुआ रसायन हमारी पूरी फूड
छैन मे आ गया है। साथ ही कृषि योग्य भूमि जहेरिली हो गई है। अनाज, फल, सबजियां,
दूध आदि सभी भोजन सामग्री रसायनों से भरी हुई है। हमारे सारे पशुधनों के शरीर मे
भी केमिकल विध्यमान रहते है। शाकाहारी लोगों के साथ साथ मांसाहारी लोगों के भोजन
मे भी इस प्रकार घातक कीटनाशक पहुँच रहे है। प्रकार्ति मनुष्य की आवश्कतयोन को
पूरी कर सकती है लेकिन उसके अत्यधिक लालच को वाह पूरा नहीं करती।
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