आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स

              


   आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स अर्थात कृत्रिम बुद्धिमता (एआई)एक ऐसा विज्ञान है जो मशीन को मनुष्य की तरह इन्टेलिजेन्स बना सकता है। समाज के विभिन्न कामों के लिए आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स की आवयशक्ता आज अनुभव की जा रही है। जीवन के हर क्षेत्र मे इसका योगदान लिया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाये, शिक्षा, वित्तीय संस्थानों के विकास, कृषि विज्ञान, संगीत एवं कला, भूगोल और खगोल विज्ञान, परिवहन, एनर्जी आदि सभी क्षेत्रों मे इसका भरपूर उपयोग करने की संभावनाए है। कंप्युटर विज्ञान, भाषा विज्ञान, मनो विज्ञान, गणित एवं इंजीनियरिंग, दर्शन शास्त्र, समाज शास्त्र, राजनीति शास्त्र, राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था, खनिज विज्ञान, धर्म और संस्कृति शास्त्र आदि मे भी कृत्रिम बुद्धिमता का सदुपयोग किया जा रहा है।

             जी-20 देशों के बीच ऐग्रिकल्चर सेक्टर के डीजीटलाईजेशन और आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स या कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है। दरअसल दो महीने पहले हैदराबाद मे दुनिया के इन 20 बड़े देशों के कृषि मंत्रियों की एक बैठक  हुई थी। उसमे कई मोर्चों पर कॉल टू एक्शन यानि कदम उठाने के लिए आव्हान किया गया। साथ ही समावेशी व टिकाउ  कृषि और फूड सिस्टम विकसित करने पर प्रतिबद्धता जताई गई थी। इसके जरिये सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पर्याप्त पोषण उपलब्ध करने के लक्ष्य हासिल करने की बात कही गई थी। जी-20 देशों के कॉल टू एक्शन मे भारत के लिए अहम संभावनाओ के द्वार खुल सकते है। इसमे खेती-बाड़ी के क्षेत्र मे बदलाव के लिए डिजिटलाइजेशन के अलावा समावेशन को भी महत्वपूर्ण बताया गया है। ऐग्रिकल्चर सेक्टर मे डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए सरकारी और निजी, दोनों क्षेत्रों के पर्याप्त सहयोग और फन्डिंग बढ़ाए जाने की जरूरत है।

             कृषि क्षेत्र मे इसकी अपार संभावनए है जैसे सिंचाई के लिए उपलब्ध जल का विवेकपूर्ण उपयोग, खारे पानी और लवणीय भूमि से फसलों की पैदावार लेना, विपरीत जलवायु मे पैदा हो सकने वाली फसलों का विकास करना, अधिक उत्पादन के साथ साथ फसलों की गुणवत्ता  बढ़ाना, फसलों मे स्वाद, पोष्टिक्ता, रस आदि गुणों की बढोतरी करना, पशुधन के लिए पोष्टिक चारे की व्यवस्था, जैविक खेती के लिए परिस्थितियों का निर्माण करना, उपज का सही भंडारण एवं परिवहन, फसलों की बर्बादी को रोकना, तिलहन एवं दलहन जैसी फसलों का उत्पादन और गुणवता बढ़ाना, परंपरागत खाद्यान, फल, सब्जिया एवं मैडिसिनल  प्लांट्स का विकास करना, लकड़ी प्रदान करने वाले पेड़ों की नस्ल सुधार, किटाणु रोगी फसलों का शोध करना आदि सभी क्षेत्रों मे आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स का योगदान बढ़ रहा है। कृषि के शिक्षा क्षेत्र, नवीनतम रिसर्च एवं पशुयों, फलों, खाद्यानों, सब्जियों, औषधीय पोधों के संरक्षण एवं विकास के कार्य कृत्रिम बुद्धिमता के द्वारा किए जा सकते है।

             आने वाले समय मे नई पीढ़ी के लिए रोजगार का यह क्षेत्र बहुत संभावनाए लेकर आता है। युवा वर्ग के लिए नए नए विचार, नए नए स्टार्टअप आदि क्षेत्रों मे काम करने के लिए यह अथाह समुद्र है। यह एक ऐसा आकाश है जिसकी ऊंचाई की कोई सीमाये नहीं है। इस क्षेत्र मे अपार धन भरा पड़ा है।

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