पैदल भी चला करो
पैदल चलने की आदत धीरे-धीरे जिन देशों में कम हो रही है वहां मोटापा बढ़ रहा है। परिणामतः डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, किडनी आदि की बीमारियां आदमी को घेर लेती है। मोटापा अपने आप में कई बीमारियों की जननी होती है। मोटापा बढ़ने से मनुष्य का बुढ़ापा समय से पहले आता है तथा आयु क्षीण होती है।
जापानी लोग मोटापा से दूर
रहते है। वे लोग आने जाने के लिये पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसेः- बस, ट्राम, ट्रेन आदि पसन्द करते है। एक तो यह सस्ता है, दूसरा पब्लिक ट्रांसपोर्ट तक जाने में 10 से 20 मिनट तक पैदल भी चलना पड़ता है। उनकी फूड स्टाइल में कार्बोहाइड्रेट व फेट भी
कम से कम होते है। ऐसी डाईट लेते है जिससे मोटापा बढ़ता ही नहीं हैं। तरल पदार्थ व
रेशेदार भोजन ज्यादा करते हैं। रात्रि का भोजन अधिकर लोग सोने के 4 घण्टे पहले ही कर लेते हैं। वहां पर गांवों के
लोग आने जाने के लिये साईकल का उपयोग ज्यादा करते है। वहां मोटापा की दर मात्र 4.5 प्रतिशत ही है।
अमेरिका में लोगों की
लाईफ स्टाइल ज्यादा सुविधाजनक है। लोग बहुत कम पैदल चलते है तथा साईकल भी कम चलाते
है। उनकी फूड स्टाईल भी मोटापा बढ़ाने वाली होती है। उनके फूड और फास्टफूड में फेट,
नमक, शक्कर व मैदा की मात्रा कुछ ज्यादा ही होती है। अतः वहां पर 43 प्रतिशत लोग मोटापे से ग्रसित है। मोटापा जनित
बीमारियां जैसे हदय रोग, मधुमेह, श्वास आदि के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
भारत में भी लगभग वैसी ही
स्थिति हो रही है। यहां पुलिस विभाग में भी 30 प्रतिशत लोगों की तोंद आवश्यकता से अधिक पायी गयी है। पैदल
चलना भी यहां के लोगों का कम ही होता जा रहा है। साईकल चलाना भी शान के खिलाफ समझा
जाने लगा है। बाईक यहां पर सस्ती भी है व आसान किस्तों में उपलब्ध हो जाती है।
पेट्रोल पंप भी जगह-जगह खुल गये है। जहां छोटे-छोटे गांवों में पेट्रोल पंप नहीं
होते है, वहां पर पेट्रोल बिना
लाईसेंस के भी कई दुकानदार बेचते है। अतः शहर हो या गांव व कस्बा सड़क पर मोटर
साईकलों की भीड़ हैं।
आजकल इलेक्ट्रीकल बाईक भी
कई कम्पनियां बना रही हैं। जिस पर सरकार अनुदान भी दे रही है। उसमें बिजली का
मामूली खर्च लगता हैं। लोग इसको पसंद करते है। इन सभी कारणों से पैदल व साईकल पर
चलने की परिपाटी समाप्त हो रही है। लोगों का मोटापा कुछ ज्यादा ही बढ़ रहा है। अतः
वे सब रोग जो मोटे लोगों को होते है भारत में भी बढ़ रहे है। जैसेः- डायबिटीज,
ब्लड प्रेशर, श्वांस आदि। भारतीयों की भोजन पद्धति भी कुछ निराली ही है।
घी, तेल, नमक, चटपटा, शक्कर, मिठाई आदि आवश्यकता से अधिक खाया जाता है। भोजन
को अति स्वादिष्ट बना कर खाने की रूचि रहती है। अधिक खाने व शारीरिक श्रम कम करने
से मोटापा बढ़ता ही रहता है। अधिक से अधिक पैदल चलने से शारीरिक परिश्रम होता है जो
मोटापा कम करता है व शरीर स्वस्थ रहता है। जिनको दिनभर बैठे-बैठे ही काम करना पड़ता
है, ऐसे लोगों को तो पैदल
चलना नीतान्त आवश्यक होता है।
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