वेल्थ फ्रॉम वैस्ट

         


मंदिरों में चढ़ने वाले फूलों से लोग कई प्रकार के रोजगार ढूंढ रहे हैं। हजारों टन पुष्प लाखों मंदिरां में प्रतिदिन चढ़ाये जाते हैं। जिसमें अलग-अलग रंग और खूशबू के फूल होते है। भोपाल की एक स्वयंसेवी संस्था वहाँ के मदिरों से चढ़ाये हुए पुष्पों को इकट्ठा करती है। फिर उनको अलग-अलग रंगो के हिसाब से छटनी करते हैं। उनको साफ करके ड्राई करते हैं। जिसमें लाल, गुलाबी, पीला, केसरिया पत्तों से हरा आदि रंग बनाये जाते हैं। इन फूलों से वैजिटेबल्स डाईज बनाते हैं। जिनका उपयोग कीमती कपड़ों को प्रिन्ट करने और होली में खेलने लायक रंगों का निर्माण करते है।

        मंदिरों में चढ़ने वाली मालाएँ और पुष्प पांवों में आकर व्यर्थ ना हो इसके लिए शहर के एक डॉक्टर ने अनूठा तरीका निकाला हैं। वे इन व्यर्थ मालाओं और पुष्प से दीये बना रहे हैं। डॉक्टर छाबड़ जुगाड़ शेयर कर रोजगार के साधन भी उपलबध करवा रहे हैं।

        डॉ. छाबड़ ने बताया कि गुलाब, मोगरा, चमेली की मालाओं और फूलों को सूखने के बाद इन्हे मशीन से पिसवाकर गोंद और ग्वारगम मिलाया जाता हैं और दीपक बनाने के लिए गोबर के साथ पुष्प, कर्पूर और हवन सामग्री में नागरमोथा, गुग्गुल सहित अनेक चीजों का मिश्रण कर उसे सुखाते हैं और फिर मशीन से दीपक का आकार देकर दीये तैयार किरते हैं। छाबड़ ने बताया कि यह ऐसा दीपक होगा जो लौ बुझने के साथ जल जाएगा और हवन सामाग्री की तरह खुशबू फैलती रहेगी। इसे लोगां तक पंहुचाने के प्रयास करेगें ताकि चाइना के दीयों का बहिष्कार होने के साथ पर्यावरण को भी बढ़ावा मिलेगा।

        कीमती कलर बनने के बाद जो कुछ मेटेरियल बच जाता है, उसका  कम्पोस्ट खाद बनाकर छोटी-छोटी पैंकिग करके गमलों और कीचन गार्डन के उपयोग के लिए बेचा जाता हैं। इस प्रकार का काम महिलाओं के सेल्फ-हेल्प ग्रुप बनाकर सफलतापूर्वक किये जा सकते हैं। ऐसा करने से उन महिलाआें को रोजगार तो मिलेगा ही उनका जीवनस्तर भी ऊपर उठेगा तथा मंदिरों में बर्बाद होने वाला फूल भी उपयोग में आ जायेगा। इस महत्वपूर्ण व्यवसाय में फूलों को इकट्ठा करना, प्रोसेस हाऊस तक लाना, अलग-अलग प्रोसेसिंग करना, प्रोडेक्ट निर्माण करना, प्रोडेक्ट की पैकेजिंग करना, उसकी ब्राडिंग करना, मार्केटिंग करना और एकाउटिंग रखना आदि सभी कार्यो के लिए बहुत बड़ी मात्रा में श्रमजीवी नागरिकों की आवश्यकता होगी। उद्योग की साईज के अनुसार लोगां को रोजगार मिलेगा। ये इतना बड़ा कारोबार बन रहा हैं कि इसका सुचारू रूप से प्रबंधन करने के लिए अनुभवी प्रबंधकों की टीम की भी आवश्यकता होगी। इस प्रकार के प्रोड्क्ट खरीदने के लिए पढ़े-लिखे लोग लालायित रहते हैं।

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