शाकाहार जयते
मनुष्य स्वभाव से शाकाहारी होता हैं। शाकाहार के गुणों को अब पूरी दुनिया समझने लगी हैं। लोगां का झुकाव शाकाहार की तरफ बढ़ रहा हैं। फोर्ब्स पत्रिका के अनुसार अमेरिका, ब्रिटेन, कनाड़ा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, सिंगापुर पोलैण्ड, इटली और इजराइल जैसे देश भी मांसाहार छोड़कर शाकाहारी बन रहे हैं। अमेरिका में दो वर्ष में 700 प्रतिशत शाकाहारी बढ़े हैं और ब्रिटेन में 1000 प्रतिशत तक शाकाहारी खाद्य पदार्थो की मांग बढ़ी हैं। शाकाहार को बढ़ावा देने के लिए भारत के कई विद्वान पश्चिमी देशों में अपने-अपने तरीको से प्रचार कर रहे हैं। अमेरिका में स्वामी राम के अतिरिक्त इस्कॉन, श्री श्री रविशंकर, स्वामी रामदेव, महेश योगी आदि संतो ने पूरे विश्व में भारतीय योगा, आयुर्वेद, ज्योतिष व शाकाहार का प्रचार किया हैं। लोग सहर्ष शाकाहार को स्वीकार कर रहे हैं।
बड़े-बड़े डॉक्टर भी
शाकाहार के पक्ष में अपनी बात कह रहे हैं। इनके पीछे वैज्ञानिक सोच भी हैं।
शाकाहार की वजह से बच्चो का दिमाग 18 प्रतिशत ज्यादा तेज होता हैं। जो महिलायें शाकाहारी भोजन
करती हैं उनका स्वास्थ्य अच्छा रहता है और उन महिलाओं में गर्भपात की दुर्घटनायें
आठ प्रतिशत कम पायी गयी हैं। शाकाहारी लोगों में कैंसर का खतरा 12 प्रतिशत और हदय रोग का
खतरा 40 प्रतिशत तक कम
होता हैं। इतना ही नहीं टाईप 2 मधुमेह भी 50 प्रतिशत कम होता
हैं। कई रिसर्च का यह परिणाम आया हैं कि शाकाहार वजन कम करने में काफी सहायक होता
हैं। पर्यावरण वैज्ञानिकों ने कई रिसर्च किये और इस नतीजे पर पंहुचे कि शाकाहारी
जीवन अपनाने से ग्रीन हाऊस गैस उत्सर्जन में 63 प्रतिशत की कमी आती हैं। जिससे वर्षभर में एक खरब डालर की
फिजुलखर्ची रूकती हैं।
लोगों में स्वादिष्ट भोजन
करने की तलब देखी गयी हैं और स्वाद भी हर आदमी का अपना-अपना अलग-अलग होता हैं।
शाकाहारी भोजन बनाने वाले मशहूर सेफ आजकल इस प्रकार की रेसिपी तैयार कर रहे है जो
होती तो पूर्णतया शाकाहारी लेकिन उसका स्वाद मांसाहारी जैसा लगता हैं। इसको उनकी
भाषा में या रेस्टोरेन्ट भाषा में ‘‘प्लान्ट बेस मीट‘‘ कहा जाता हैं और कई जगह
इसको ‘‘मीट लेस मीट‘‘ भी कहा जाता हैं। यह पूरी तरह से सब्जियों और फलों से तैयार
होता हैं और सौ प्रतिशत शाकाहारी होता हैं। कटहल, खुंभी, पता गोभी, रतालू, जमीकन्द, चुकन्दर, पपीता, कमल ककड़ी, कच्ची हल्दी, कद्दू, बैंगन, तुरई,
ब्रोकली जैसी
अनेक सब्जियों की रेसिपी से इसको तैयार किया जाता हैं। विदेशों की तो छोड़िये, भारत में भी ‘‘प्लान्ट
बेस मीट‘‘ की डिमाण्ड 2021 में 40 करोड़ डॉलर की थी जो अगले
तीन साल में पाँच सौ करोड़ डॉलर तक पहुंचने की संभावना हैं। ऐसा सर्वेक्षण ब्रोकिंग
कम्पनी के निर्मल बेग ने किया हैं। यह कम्पनी भारत में रेस्टोरेन्ट लाईन के कई
सर्वे करती हैं।
एक बार महारानी एलिजाबेथ
वाराणसी आई थी। उनकें स्वागत में वहाँ के राजा साहब ने प्रतिभोज का आयोजन किया।
राजा साहब और उनके दरबार के सभी लोग शाकाहारी थे। महारानी ऐलिजाबेथ और उनके साथ
आये हुए मेहमान सभी मांसाहारी थे। राजा साहब ने अपने रसोईयों को बुलाया और कहा कि
भोजन तो सौ प्रतिशत शाकाहारी ही होना चाहिए। लेकिन दिखना मांसाहारी चाहिए और स्वाद
भी हुबहु वैसा ही आना चाहिए। उन्होने बताया कि प्लेट में परोसते समय सब्जियाँ ऐसी
लगे जैसी मांसाहारी सब्जियाँ होती हैं। जैसे दिखने में मछली जैसी लगे और स्वाद भी
मछली का ही हो। इसी प्रकार अंडाकरी भी वैसी ही दिखे मगर स्वाद भी वैसा ही हो। इस
प्रकार करीब पच्चीस तरह की डिसेज बनाई गयी जिसमें पाँच तरह के स्टार्टर सूप भी थे।
महारानी एवं मेहमानों ने सबका स्वाद लिया। राजा साहब और उनके दरबार ने भी उनका साथ
दिया। महारानी ने भोजन के बाद राजा साहब से कहा कि आप तो संपूर्ण रूप से शाकाहारी
हैं, फिर भी आपने
हमारे साथ ऐसा भोजन क्यों किया? क्या आपने शाकाहार बंद कर दिया है? राजा साहब ने हँसते हुए
उनको उत्तर दिया कि आपने जितना भी भोजन किया वह सब का सब शाकाहारी था। हमारे
रसोईयों की कला है कि दिखने और स्वाद में यह मांसाहार लग रहा हैं। लेकिन है पूरा
शाकाहारी। महारानी आश्चर्यचकित हो गई और उसने राजा साहब से कहा कि आपकी टीम को कुछ
दिन के लिए मेरे साथ इग्लैण्ड ले जाना चाहती हूँ ताकि मैं वहाँ पर मेरे लोगों को
इस प्रकार का खाना बनाना सिखा सकूं। अभी जो ‘‘प्लान्ट बेस मीट‘‘ बाजार में जो नया
शब्द आया हैं। यह भोजन सौ साल पहले भी हमारे भारत में बनता था।
शाकाहार भारतीयों की पहली
पसन्द हैं। वैज्ञानिक शोध से पता चला है कि शाकाहारी भोजन में अधिक फाइबर, एन्टीऑक्सीडेन्ट, पौटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन ए, सी और ई प्रचूर मात्रा
में होता हैं। जिससे करीब एक सौ बीस प्रकार की बिमारियाँ दूर रहती हैं। साऊथ चाइना
मॉर्निग पोस्ट के सर्वे के अनुसार कोरोना
के बाद से चीन में वहाँ के 47 प्रतिशत लोग
फलों और सब्जियों का उपयोग कर रहे हैं और शाकाहारी रेस्टोरेन्ट में 36 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई हैं।
इसी प्रकार फूड पांडा जुलाई 23 की रिसर्च के अनुसार महानगरो में पिज्जा, बर्गर, पास्ता आदि फॉस्ट फूड
नोनवेज की बजाय वेजीटेरियन की माँग 70 प्रतिशत बढ़ गयी हैं।
इस प्रकार स्वास्थ्य की
दृष्टि से शाकाहार अति उत्तम हैं। यह दुनिया के वैज्ञानिक मान चुके हैं। दिनोदिन
शाकाहार करने वालों की संख्या बढ़ रही हैं। अतः अब आगे केवल शाकाहार का लोगो लगे
हुए भोज्य पदार्थो की डिमाण्ड बढ़ती जायेगी।
Vegetarian food is proved to be healthy one.
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