अमीरी-गरीबी की खाई को कम कर सकते हैं
दुनिया में अमीर और अधिक अमीर बनता जा रहा हैं तथा गरीब और अधिक गरीब बनता जा रहा हैं। दुनिया में अरबपतियों की संख्या 2,640 हैं। आय और सम्पति का व्यक्तियों में असमान वितरण ही इस समस्या का कारण हैं। अधिकतर देशों में देश की कुल सम्पति का ज्यादातर हिस्सा कुछ चुने हुए अमीरों के हाथ में हैं। भारत में रूस और ब्राजील से भी ज्यादा अरबपति हैं और गरीब भी इन देशों से कई गुना हैं। भ्रष्टाचार इसका मुख्य कारण हैं। शिक्षा के स्तर में कमी, विकास के साधनों का असमान वितरण, गाँव और शहर में सुविधाओं का अंतर आदि कारणों से अमीरी और गरीबी की खाई चौड़ी होती जा रही हैं।
अमीरी और गरीबी की खाई
बढ़ने से अपराधों में बढ़ोतरी होगी साथ ही अपराध के नये-नये तरीके इजाद हो रहे हैं।
गरीबी के कारण सामाजिक असंतोष बढ़ता जा रहा हैं। लोगों में ईष्या, घृणा, द्वेष और क्रोध आदि
दुर्गुण बढ़ते जा रहे हैं। इन दुर्गुणों के बढ़ने से और आर्थिक दुर्दशा होने के कारण
सार्वजनिक स्वास्थ्य में भयंकर गिरावट आ रही हैं। भुखमरी के कारण भोजन की तलाश में
बचपन से ही रोजगार की और दौड़ना पड़ रहा हैं। अतः लोगों में शिक्षा का स्तर गिर रहा
हैं। इन सभी कारणों से एक तरफ जहाँ गरीब के बच्चों का संतुलित पालन-पोषण नहीं हो
पा रहा हैं। उन बच्चों के माता-पिता सदैव कल की चिंता से ग्रसित रहते हैं। दूसरी
तरफ अमीर के परिवार पालन-पोषण में इतना अधिक धन उपलब्ध हैं कि उनकी आय का 1 प्रतिशत भी भोजन पर खर्च
नहीं हो पाता हैं।
वर्तमान परिस्थितियों में
विभन्न देशों, देशों के
प्रांतों और प्रांतो के जिलों की जनसंख्या सब में ही संसाधनों का असमान वितरण हैं।
इसको मिटाना एक व्यक्ति की जिम्मेवारी नहीं हैं। इस कार्य को करने के लिये सरकारें
आपसी तालमेल से, ईमानदारी से एवं
पारदर्शिता से काम करे तो यह खाई धीरे-धीरे कुछ कम हो सकती हैं। सबसे पहले समाज
में शिक्षा के समान अवसर सबको मिले। निर्धन परिवार के बच्चों को राज्य सरकार अच्छी
से अच्छी शिक्षा की व्यवस्था करें ताकि वे अपने जीवन में सफल नागरिक बन सके।
पढ़ा-लिखा नागरिक जिस क्षेत्र में भी काम करेगा अच्छे ढंग से करेगा।
खेती कभी भी लाभप्रद
व्यापार नहीं रहा। फिर भी लोग सेवाभाव से ही कर रह रहे हैं। इन दिनों देखने को
मिला हैं कि कुछ पढ़े-लिखे लोग एम.बी.ए., आई.ए.एस., इंजीनियर, डॉक्टर, आईआईटीयन आदि सफल एवं उच्च स्तरीय पढ़ाई करने के बाद भी खेती
की और अपना कदम रख रहे हैं और खेती को सफलतापूर्वक कर रहे हैं। छतीसगढ़ का एक किसान
राजाराम त्रिपाठी बैंक अधिकारी की नौकरी छोड़कर 1995 से जड़ी-बूटियों की खेती कर रहा हैं। उनकी
आर्थिक स्थिति का इसी से पता लगाया जा सकता हैं कि उन्होनें अभी-अभी सात सीटर
हैलिकॉप्टर पोलैण्ड से खरीदा हैं। प्रतिवर्ष कराड़ों रूपये की कमाई केवल खेती से कर
रहे हैं। इसी तरह एक एम.बी.ए. ने मैसूर और बैंगलोर के बीच ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थो
की खेती शुरू की और अपने गु्रप में कई पढ़-लिखे लोगों को साथ लेकर खेती कर रहे हैं
जिनका टर्नओवर 800 करोड़ से ज्यादा
हैं। पूना में एक इंजीनियर ने गायों की डेयरी शुरू की और उसका ऑर्गेनिक दूध ज्यादा
मंहगा नहीं केवल 80 रूपये किलों
बेचता हैं। लेकिन उसके व्यापार में पारदर्शिता, शुद्धता, हाईजीन, पैकेजिंग, समयबद्धता की वजह से उसके पास ग्राहकों की लाईन लगी रहती
हैं। ऑर्गेनिक फल, सब्जियाँ, दालें, तिलहन एवं अनाज की खेती
करके लोगों के घरों तक पहुँचाने का काम कई पुरूष और महिलायें मिलकर कर रहे हैं।
जिनका टर्नओवर करोड़ों रूपये का हैं। कई नये-नये स्टार्टअप एग्रीकल्चर व उसके एलाईड
सेक्टर में बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं।
अतः सबको समान शिक्षा मिल जाये तो भुखमरी और बेरोजगारी की
समस्याएँ स्वतः दूर हो जायेगी और यह जो खाई है अमीर और गरीब के बीच की अपने आप कम
होती जायेगी। सरकार को प्राथमिक रूप से केवल शिक्षा और स्वास्थ्य के ऊपर अपना
ध्यान केन्द्रित करना होगा। शिक्षित होने के बाद इन्हीं गरीब परिवारों से कई टाटा
और बिड़ला पैदा हो जायेगें।
बेहद ज्ञानवर्धक आलेख । आपकीं लेखनी और सोच को प्रणाम करता हूँ । आपने एकदम सही लिखा कि शिक्षा ही सफलता का द्वार है । असल में शिक्षा प्राप्त करने के लिए भी कड़ी मेहनत, समर्पण की आवश्यकता होती है । शिक्षा प्राप्त करने के बाद आप संस्कारों से भी युक्त हो जाते हैं। फिर ये दोनों चीजें मिलकर आपको जीवन में सफल बनाती हैं। अंत में, शिक्षा आपको एक बेहतर व्यक्ति बनाती है और आपको विभिन्न कौशल सिखाती है। यह आपकी बुद्धि की क्षमता को बढ़ाती है। शिक्षा से किसी देश की आर्थिक वृद्धि में भी सुधार होता है। इन सबसे ऊपर, यह किसी देश के नागरिकों के लिए एक बेहतर समाज बनाने में सहायता करती है। यह अज्ञानता के अंधेरे को नष्ट करने और दुनिया में प्रकाश लाने में मदद करती है ।
ReplyDeleteआप इसी तरह हमारा मार्गदर्शन करते रहें । आपकीं पूरी टीम को धन्यवाद