गर्मी से झुलसती दुनिया
यूरोप हीटवेव की चपेट में हैं। खासकर इटली में तो प्रचंड गर्मी हैं। वहां तापमान 40 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा हैं। यह रिकॉर्ड हैं। सरकार ने रोम और फ्लोरेंस समेत 16 शहरों के लिए हीटवेव की चेतावनी जारी की हैं। रोम में तापमान 44 डिग्री तक जा सकता हैं। सरकार ने लोगां से 11 से शाम 6 बजे तक धूप में न रहने की सलाह दी हैं। स्पेन के कैनरी आइलैंड़ में तापमान बढ़ने से जंगल की आग शुरू हो गई हैं। वहीं, ग्रीस में भी लोग गर्मी से परेशान हैं। सिसली में पारा 45 ड़िग्री के पार पहुंच गया हैं। इटली के साथ ही फ्रांस, पोलैंड और दक्षिणी और पूर्वी यूरोप के अन्य देशों में भीषण गर्मी ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। तुर्की समेत अधिकांश यूरोपीय देशों में पारा सामान्य से 8 डिग्री सेल्सियस तक अधिक चल रहा हैं। अमेरिका भी गर्मी से बेहाल हैं। दक्षिण पश्चिम अमेरिका में चेतावनी जारी की गई हैं। गर्मी के कारण फ्लोरिडा से कैलिफोर्निया और उत्तर पश्चिमी राज्य वॉशिंगटन तक करीब 15 राज्यों के 11 करोड़ से अधिक लोग भीषण गर्मी की जद में हैं। वहां पारा 43 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा पहुंच सकता हैं। बुजुर्गों, छोटे बच्चों और स्वास्थ्य संबंधी समस्या वाले बीमार लोगो को अलर्ट किया गया हैं। उन्हे घर में ही रहने की सलाह दी हैं। इस हीटवेव से पहले इस साल फीनिक्स के मैरिकोपा काउंटी में गर्मी से कम से कम 12 लोगो की मौत हो चुकी हैं। 5000 से ज्यादा लोग बीमार हैं।
मौसम एजेंसी नोआ ने कहा कि भीषण गर्मी उच्च दबाव के ऊपरी
स्तर के उभार का परिणाम है,
जो आमतौर पर अपने
साथ गर्म तापमान लाता हैं। इस क्षेत्र में अब तक ऐसा दबाव नहीं देखा गया हैं। पूरे
क्षेत्र में इस संभावित ऐतिहासिक हीटवेव से अभी जल्द राहत मिलने की संभावना नहीं
हैं।
एनडब्ल्यूएस ने आगे कहा कि लासवेगास अगले कुछ दिनों में
अपने रिकॉर्ड उच्च तापमान 47 डिग्री के बराबर
पहुंच सकता हैं, जबकि डेथ वैली, कैलिफोर्निया में झुलसाने
वाली गर्मी के चलते तापमान 54 डिग्री को पार
कर सकता हैं।
ग्रीस के रोड्स शहर के
जंगलों में लगी आग विकराल हो गई हैं। एक सप्ताह से लगी इस आग से लगभग 35 वर्ग किलोमीटर में जंगल
जल चुका हैं। ग्रीक अग्निशमन सेवा के प्रवक्ता आयोनिस आर्टोपियोस के अनुसार, अब तक लगभग 19000 लोगां को सुरक्षित जगह
पहुंचाया गया हैं। शहर में अगले कुछ दिनों तक उड़ाने रद्ध रहेगी। देश के दूसरे सबसे
बड़े द्वीप इविया और फ्लोपोनीज में नई आग लगी हैं। कॉर्फू शहर भी आगजनी की समस्या
से जूझ रहा हैं।
अलजजीरा के मुताबिक, आग 79 स्थानों पर लगी
हुई है। आग को बुझाने के लिए 5 हेलीकॉप्टर और 173 फायर फाइटर्स को
खासतौर पर तैनात किया गया हैं।
विश्व के बढ़ते तापमान के
कारण जगह-जगह आग लगती हैं। यह आग काबू में नहीं आ रही हैं। परिणामतः तापमान
उत्तरोत्तर बढ़ता जाता हैं। इण्डस्ट्रीयल गैसों का उत्सर्जन इस सारी समस्या में आग
में घी का काम करती हैं। विकसित राष्ट्रां का आद्योगिक विकास पर्यावरण को डेमेज कर
रहा हैं। विकसित राष्ट्र छोटे राष्ट्रों पर पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिये दबाव
बनाते रहते हैं। जबकि बड़े राष्ट्र पर्यावरण को ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। विकासशील
देशों को संगठित होकर विकसित राष्ट्रों पर यह दबाव बनाना चाहिये कि पर्यावरण
संरक्षण करना सबकी जिम्मेवारी हैं।
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