रेगिस्तान मे पैदा हो रही अफ़गानिस्तान की कंधारी अनार
जब मै स्कूल मे पढ़ता था उस समय कंधारी अनार बहुत कम जगह पर मिलता था। विशेषकर महात्मा गांधी अस्पताल जोधपुर के सामने नीम के पेड़ के नीचे एक दो ठेले अनार बेचते थे। यह अनार कंधार से आयात की जाती थी। वही अनार आज कल राजस्थान के रेगिस्तान मे भरपूर पैदा हो रही है। बाड़मेर, बालोतरा, सिवाना, फलोदी, बीकानेर, सिंधरी, बुड़ीवाड़ा, जागसा, धनवा आदि गांवों मे करीब 80,000 किसान इसकी खेती सफलता पूर्वक कर रहे है। जैसेलमेर जिले के सोडाकोर, पोखरण, नाचना, मदासर, राजमथाई और बाँधेवा गांवों मे इसकी खेती हो रही है। बीकानेर जिले के देशनोक, पलाना, मानयाना, देशलसर और नापासर आदि के किसान बड़े पेमाने पर अनार की खेती कर रहे है। बाड़मेर जिले के मोकलसर, उंडू, भियाड, मोखाब, काथाड़ी, कानासर व जालोर जिले के जीवाना व दहीबा गांवों मे इसके बगीचे है।
एक हेक्टेर मे 14 फुट क्ष 10 फुट की दूरी पर लगाने से 800 पौधे लगाए जाते है। तीसरे वर्ष एक हेक्टेर मे 150 से 200 कुंतल तक पैदावार होती है। नेशनल होरट्रीकलचर मिशन (भारत सरकार) अनार की खेती पर लागत का 40 प्रतिशत अनुदान देता है जो अधिकतम 28 हजार रुपए प्रति हेक्टेर होता है। तीन वर्ष के बाद अनार का पौधा फल देना शुरू करता है और 15 से 20 वर्ष तक अच्छी उपज देता है। पश्चिमी राजस्थान की रेतीली भूमि और कम नमी वाला जलवायु बीमारियों को कम आकर्षित करता है।
अनार की सिंदूरी और भगवा वेराईटी का प्लान्टेशन सबसे अधिक हो रहा है। यह अनार दिखने मे खूबसूरत होती है। इसके दाने खूनी लाल रंग के होते है। इनमे मिठास बहुत होता है। इसके फलों का साइज़ 400 ग्राम से 500 ग्राम तक होता है। बड़ी साइज़ का अनार सारा निर्यात होता है। प्रतिवर्ष 15 दिसम्बर से 31 मार्च तक अनार के तुड़ाई का सीजन होता है। इस समय जहाँ जहाँ अनार के बगीचे होते है वहाँ पर अहमदाबाद, दिल्ली, मुंबई, केरला, महाराष्ट्र, तमिल नाडु आदि मंडियों से अनार के व्यापारी आकर गाँव गाँव मे मंडिया लगाते है। किसान अपना माल इन मंडियों मे लाकर बेचते है। कुछ व्यापारी बड़े किसानों के बगीचे मे जाकर माल तुड़वाकर खरीद लेते है। तीस वर्ष पहले जालोर सीडलेस नामक अनार की वेराइटी का प्लान्टेशन बड़े पेमाने पर जालोर जिले मे होता था। कई कारणों की वजह से इस वराइइटी का प्लान्टेशन बंद कर दिया गया।
अनार मे फ़ाइबर, विटामिन के, सी और बी,आईरन , पॉटेशियम, जिंक और ओमेगा 6 फैटी ऐसिड पाए जाते है। अनार का जूस पीने से स्किन की बाहरी लैअर सुरक्षित होती है और ब्लड सरकुलेशन बेहतर रहता है। वजन कंट्रोल करने मे अनार का जूस बहुत लाभकारी होता है। प्रतिदिन 150 एमएल अनार का जूस पीने से हाइपर्टेन्शन कम होता है। इस महत्वपूर्ण फल की खेती रेगिस्तान मे दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अनार की खेती से यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति सुधर रही है और उनका जीवन स्तर ऊपर उठ रहा है।
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