ग्रामीण सरकारी स्कूलों का बढ़ता स्तर
राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना कस्बे के रहने वाले भीखाराम प्रजापति (भोमरिया) की बेटी पैम्पो प्रजापति ने कोरियन भाषा में उच्च शिक्षा प्राप्त की। पेम्पों प्रजापति पिछले 5 वर्षो से कोरियन भाषा का अध्ययन कर रही हैं और अब ग्लोबल कोरिया स्कॉलरशिप (14 हजार डॉलर प्रतिवर्ष) प्राप्त कर दक्षिण कोरिया की ईवाह वूमेन यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त करेगी। पूरे भारत में 20 छात्राओं का चयन इस स्कॉलरशिप के लिए हुआ हैं, जिसमें से पेम्पों ने पाँचवां स्थान प्राप्त किया हैं।
पिछले सप्ताह पैम्पो प्रजापति अपने गाँव धोरीमन्ना आई हुई थी। उसके सम्मान
में एक कार्यक्रम का आयोजन उसके घर पर किया गया। राजस्थान सरकार के वन एवं पर्यावरण
मंत्री श्री सुखराम विश्नोई ने विशेष रूप से आकर आर्शीवाद प्रदान किया। इस समारोह में
स्थानीय राजनीतिज्ञ, वरिष्ठ समाज सेवक एवं भीखाराम प्रजापति के सभी रिश्तेदारों ने भाग लिया।
श्री सुखराम विश्नोई ने पैम्पो प्रजापति को आर्शीवाद देते हुए कहा कि इस लड़की ने पूरे
परिवार का, गाँव का, पूरे समाज का, राजस्थान का एवं पूरे भारतवर्ष का नाम रोशन
किया हैं। इस छोटे से गाँव से निकलकर इसने जो अपूर्व सफलता प्राप्त की हैं,
उसके
लिए इसको कोटि-कोटि धन्यवाद।
इस प्रकार की सूचनाएँ आजकल राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रां से निरन्तर
प्राप्त हो रही हैं। ग्रामीण परिवेश में पढ़े-लिखे लड़के-लड़कियाँ आजकल विभिन्न प्रतियोगी
परीक्षाओं में उत्तीर्ण हो रहे हैं। ग्रामीण परिवेश के विधार्थीयों की नियुक्ति आई.ए.एस.,
आई.एफ.एस.,
आई.पी.एस.,
डॉक्टर,
इंजिनियर
आदि पदों पर हो रही हैं। मल्टीनेशनल कम्पनियों में भी ग्रामीण बच्चों का प्लेसमेन्ट
काफी बढ़ा हैं। ये बडे़ गर्व की बात हैं। बहुत कम संसाधनों से एवं सरकारी स्कूलों में
हिन्दी माध्यम से पढ़कर ऊँचे-ऊँचे पदों पर नियुक्त होना गर्व की बात हैं। ग्रामीण एवं
गरीबी से निकला हुआ विधार्थी जब ऊँचे पदां पर पहुचँता हैं, तो वह बड़ा होकर अपने
ग्रामीण विधार्थीयों की मदद करता हैं और उनका मार्गदर्शन करता हैं। यह सिलसिला आगे
से आगे बढ़ता ही जायेगा।
4eal all over good facilities in govt rural schools
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