ऐलोवेरा

 


एलोवेरा एक छोटा पौधा होता हैं। जिसे संस्कृत में घृतकुमारी और राजस्थान में ग्वारपाठा कहते हैं। वैसे तो इसका औषधीय उपयोग आदिकाल से किया जा रहा हैं। लेकिन पिछले कुछ वर्षो से इस पौधे के उपयोग पर कई शोध कार्य हुए हैं। जिसके परिणाम चौकानें वाले मिले। कई बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ एलोवेरा का जूस और कई उत्पाद मल्टीलेवल मार्केटिंग सिस्टम द्वारा पूरे विश्व में सफलतापूर्वक मार्केटिंग कर रही हैं। अमेरिका के ऐरीजोना में बड़े पैमाने पर इसकी खेती एवं प्रसंस्करण किया जाता हैं। भारत में भी कई कम्पनियां ने बड़े पैमाने पर इसकी खेती और प्रोसेसिंग शुरू की हैं। जिनका टर्नओवर काफी बड़ा है।

     एलोवेरा का उपयोग वैसे तो । A से लेकर Z तक सभी बिमारियां में किया जाता हैं, लेकिन वजन कम करने, कब्ज दूर करने, मधुमेह, हदयरोग एवं पाचन क्रिया को ठीक करने में सफलतापूर्वक किया जा रहा हैं। एक्जीमा, माऊथअल्सर में इसकी जैल का उपयोग किया जाता हैं। राजस्थान में कई घरों में एलोवेरा का अचार एवं एलोवेरा की सब्जी बना कर खाई जाती हैं। सब्जी बनाने के लिए गृहणीयाँ इसकी जैल निकालकर एक-एक इंच के टुकडे़ करके देशी घी में फ्राई करके सब्जी बनाती हैं। ऐलोवेरा की सब्जी में जीरा, मेथी या कलांजी का छांक लगाया जाता हैं। मसालों में मात्र हल्दी, धनिया और लाल मिर्च व इच्छानुसार नमक डालकर समान मात्रा में दही की करी बनाई जाती हैं। ये सब्जी स्वादिष्ट होती हैं साथ ही पेट और गठिया के रोग में भी लाभदायक होती हैं।

     सौन्दर्य प्रसाधन में एलोवेरा का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा हैं। क्रीम, लोशन, शेम्पू, साबुन आदि अनेक प्रोड्क्टस कॉस्मेटिक्स के एलोवेरा से बनाये जाते हैं। आजकल एलोवेरा के प्रोड्क्टस बनाने का काम कुटीर उद्योग से लेकर बहुराष्ट्रीय कम्पनियां द्वारा धड़ल्ले से बड़े पैमाने पर किया जा रहा हैं। उपभोक्ता भी सजग हो रहा हैं।

     अपने किचन गार्डन में गमले में या जमीन में कुछ पौधे एलोवेरा के लगा दे। धीरे-धीरे ये बढ़ते जाते हैं। हर पौधे के साइड से 10-20 बच्चे भी हर वर्ष निकलते रहते हैं। जिन्हे विधिवत रूप से अलग लगाते रहे। इसका कोई भी प्रोड्क्ट अपने खुद के काम के लिए खुद बना सकते हैं। इसकी जेल निकालकर सौन्दर्य प्रसाधन के रूप में व केश निखार के रूप में प्रतिदिन ताजा प्रयोग कर सकते हैं। एलोवेरा का पौधा ऐसी जगह लगाना चाहिए जहाँ इसे अधिकतम धूप उपलब्ध होती हैं। पानी इसको बहुत कम चाहिए। अपने किचन गार्डन में इसे अवश्य लगावें।

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