पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति
विश्व का पर्यावरण प्रतिदिन प्रदूषित होता जा रहा हैं। इस प्रदूषण के कारण परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से अपार जनहानि विकसित राष्ट्रो में हो रही है। कई रिपोर्टा में यह प्रमाणित हो चुका हैं कि उत्तर पश्चिमी वैश्विक में तापमान बहुत अधिक बढ़ाने में कम्पनियों द्वारा छोड़ी गई ग्रीन हाऊस गैसों की प्रमुख भूमिका रही हैं। इसके लिए प्रमुख गैस कम्पनियां जैसेः-एक्सानमॉबिल, शैल, बीपी, अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट कोच इण्डस्ट्रीज आदि कम्पनियों को जिम्मेवार ठहराया गया हैं।
ये पहला मामला है कि ग्लोबल वार्मिंग की हीट
से इस प्रकार की गैस और पेट्रोलियम कम्पनियों को पर्यावरण प्रदूषित करने के लिए
सीधा मुकदमा न्याय पाने के लिए किया गया है। इन कम्पनियों के खिलाफ क्षतिपूर्ति के
दावे दायर किये गये हैं। मर्ल्टनोहाम कांउटी में 2021 में प्रचण्ड गर्मी पड़ी
। तापमान 46 डिग्री सेल्सियस
से अधिक हो गया और 69 लोगो की मौत हो
गयी। औसत ग्लोबल तापमान में पेट्रोल, डीजल, गैस व कोयला जलने के कारण
1.2 डिग्री की बढोतरी हो
चुकी हैं। इस समय अमेरिका में टेक्सॉस, ओक्लाहोम, मैक्सिको आदि पर
हीटडोम बन चुका हैं। गर्मी से लोगां की मौतें हो रही हैं। मुकदमें में कम्पनियों
पर यह भी आरोप लगाये गये है कि कम्पनियों ने जनता को जलवायु परिवर्तन के खतरों के
बारे में भी अंधेरे में रखा हैं।
हमारे देश में भी इस
प्रकार की पर्यावरण जन्य दुर्घटनाएँ होती रही हैं और होती रहेगी। क्या हमारे देश
में ऐसी कम्पनियों के विरूद्ध क्षतिपूर्ति के दावे किये जायेगें? यदि हाँ तो वह समय कब आयेगा?
We must understand & realize the Problem of Environmental Destructions & solve them as soon as possible !
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