वैज्ञानिक मालिश


 शरीर पर तेल की मालिश करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। तेल मालिश से शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बनता है। मालिश से शरीर की त्वचा मुलायम और स्वस्थ रहती है। सुबह सुबह स्नान करने के तीस मिनट पहले तेल से मालिश करने पर जोड़ों और मांसपसियों का दर्द कम होता है। ब्लड सर्क्यलैशन नियमित होता है। इम्यूनिटी बढती है। नींद अच्छी आती है। पेर के तलवों की मालिश करने से शारीरिक और मानसिक थकान मिटती है।

     मालिश के लिए सरसों का तेल, तिली का तेल या नारियल का तेल उपयोग मे लेना चाहिए। अमीर आदमी जैतून का तेल और बादाम का तेल भी उपयोग मे लेते है। किसी भी प्रकार के रिफाइन्ड ऑइल से मालिश नहीं करनी चाहिए। घानी का शुद्ध तेल मालिश के लिए सर्वोत्तम होता है। सर्दियों मे तेल को थोड़ा गुनगुना करके मालिश करनी चाहिए। विभिन्न बीमारियों मे आयुर्वेद पद्दती द्वारा बनाए गए औषधीय तेलों का भी महत्व है।

     मालिश करते समय हाथ को इस प्रकार चलाए कि आपके हाथ से रक्त का प्रवाह हृदय की ओर जाए। इससे आपके हृदय की गति सुचारु रूप से होती है। माताए छोटे बच्चों की मालिश मे निपूर्ण होती है। हर गांव मे दाई का काम करने वाली कुछ महिलाये जच्चा और नवजात शिशु की मालिश मे निपूर्ण होती है। गर्भवती मातायो की मालिश नियमित रूप से गाँव की दाई आकार करती रहती है। इससे सुचारु रूप से प्रसव होता है। ग्रामीण क्षेत्रों मे नवजात शिशु की मालिश देसी घी से करते है। ऐसा माना जाता है की देसी घी से मालिश करने पर बच्चे का रंग गोरा होगा और तिली के तेल से मालिश करने पर बच्चे का रंग सांवला होगा।

     अखाड़े मे जाने वाले पहलवानों मे आपस मे एक दूसरे की मालिश करने का रिवाज होता है। अखाड़े का गुरु अपने शिष्यों को मालिश करने की पूरी विधि का प्रशिक्षण देता है। विभिन्न रोगों मे जैसे गठिया, वातरोग और हड्डी के रोगों मे औषधीय तेलों का वर्णन आयुर्वेद और यूनानी पद्दथियों मे विस्तार से किया गया है। औषधीय तेल बनाने मे काम आने वाली जड़ी बूटियों का वर्णन और उससे तेल बनाने की विधि शास्त्रों मे बताई गई है।

     
सप्ताह मे कम से कम एक दिन  सूखी मालिश जरूर करनी चाहिए। कई बार गुनगुने पानी मे तोलिए को भिगोकर उसका पानी निचोरकर पूरे शरीर पर रगड़ना चाहिए। इससे चमड़ी के बंद रोम छिद्र खुल जाते है परिणामतः शरीर के विजातीय पदार्थ पसीने के रूप मे निकलते रहते है। प्रतिदिन मालिश करने से शरीर स्वस्थ, चमकीला और सूडोल बनता है। नियमित मालिश करने की आदत स्वयं की डाले और अपने बच्चों को भी इसका प्रशिक्षण दे। बचपन की मालिश जीवन भर अच्छे परिणाम देती है।

Comments

  1. आयुर्वेद और आप जैसे विशेषज्ञ मनुष्यों के लिए वरदान है । आप द्वारा नियमित रूप से अच्छी जानकारीयां ढ़ी जा रही है , जो बेहद फायदेमंद है
    आपने सही कहा सेहतमंद रहने के लिए शरीर की मालिश करनी चाहिए । भारत में प्राचीन समय से मालिश का प्रचलन है। दादी नानी भी सरसों तेल अथवा नारियल तेल से छोटे बच्चे की मालिश करती हैं। आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि मालिश करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। आधुनिक समय में भी मालिश को दुनियाभर में अपनाया गया है। इससे न केवल हड्डियां मजबूत होती हैं और शरीर का विकास होता है, बल्कि नींद भी अच्छी आती है। आपका दिल की गहराइयों से धन्यवाद

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  2. Very useful tips sir.

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  3. Scientific Massage is an Art to cure various type of Health problems !

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