तुलसी : एक बहुपयोगी पौधा बन गई फसल
पवित्र तुलसी के पौधे को भारतीय संस्कृति मे पूजनीय माना गया है इसलिए हर घर मे तुलसी के पौधे का आदर के साथ रोपण किया जाता है। तुलसी मे एन्टीऑक्सीडेंट गुण होते है। तुलसी मे कैंसर से लड़ने की, वायरस को दूर भगाने की, तनाव से मुक्ति दिलाने मे, मलेरीया, बुखार एवं खांसी को दूर करने मे इसका प्रयोग किया जाता है। सांस रोग और फेफड़ों की बीमारियों मे तुलसी का प्रयोग किया जाता है। तुलसी से विभिन्न प्रकार की आयुर्वेदिक, यूनानी, होमियोपेथिक एवं एलोपेथिक औषधियों का निर्माण किया जाता है। तुलसी का प्रयोग आदिकाल से घरेलू उपचारों मे सफलता पूर्वक किया जाता रहा है। कोरोना काल मे तुलसी के चमत्कारी प्रभाव को देखा गया है। तुलसी के साथ सौंठ, कालीमिर्च, दालचीनी मिलाकर हर्बल टी (काढ़ा) प्रचुर मात्रा मे पिलाया गया। प्रतिदिन होने वाली सर्दी, जुखाम, बुखार आदि मे माताए इसका प्रयोग करती है।
आजकल इसकी पूरे भारत मे व्यावसायिक खेती हो रही है। इसकी ऑर्गैनिक हर्बल टी भारत मे तो बिकती ही है साथ ही विदेशों मे भी बड़ी मात्रा मे इसका निर्यात होता है। तुलसी का पौधा पूरे भारत वर्ष मे आसानी से उगाया जा सकता है। रामतुलसी, श्यामतुलसी, वनतुलसी, कर्पूरतुलसी, लेमनतूलसी आदि फ्लैवर के अनुसार कई प्रकार की तुलसी भारत मे पाई जाती है। तुलसी की नर्सरी जेठ महीने मे तैयार करके श्रावण मे रोपायी की जाती है। तीन-चार महीने के बाद तुलसी के पत्तों मे औषधीय गुण विकसित होते है। अतः तुलसी विवाह के बाद ही इसके पत्तों को औषधीय उपयोग के लिए सेवन किया जाता है। तुलसी के धार्मिक महत्व को देखते हुए इसका विवाह शालिग्राम जी के साथ कार्तिक सुदी एकादशी को उत्सव के रूप मे धूम धाम से किया जाता है।
इस महत्वपूर्ण पौधे का व्यावसायिक कृषिकरण बढ़ाने के लिए भारत सरकार के नैशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड ने कई योजनाए किसानों के लिए बनाई है। तुलसी के महत्व को देखते हुए सिमैप (लखनऊ) एवं रीजनल रिसर्च लेबोरेटरी (जम्मू तवी) के द्वारा कई शोध कार्य हुए है। विभिन्न संस्थानों के द्वारा तुलसी की कई वैराइटिया (प्रजातियां)विकसित की गई है।
वन तुलसी के बीजों को सब्जा व तुकमरिया कहते है। इन बीजों का उपयोग पोषक तत्वों के रूप मे किया जाता है। इसके बीजों को दूध, पानी या शर्बत के साथ मिलाकर पिया जाता है। आयुर्वेद मे तुलसी के पौधे को अमृत तुल्य माना गया है। विगत कुछ वर्षों से तुलसी के पौधे पर पूरे विश्व मे शोध कार्य किए गये हैं। इसके नए नए प्रयोगो के बारे मे पता चला है। अतः तुलसी की मांग दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
तुलसी की खेती पूरे भारत वर्ष मे किसानों ने शुरू कर दी है। अलग अलग प्रांतों मे अलग समय मे इसकी खेती की जा रही है। तुलसी के सूखे पत्ते 100 रुपए से 120 रुपए प्रति किलो तक बिकते है। बहुत से किसान तुलसी के पत्तों से हर्बल टी बनाकर अपने ब्रांड से बाजार मे बेचते है। कुछ किसान तुलसी का अर्क भी निकालते हैं।
आप द्वारा दी गयी जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण है । आप द्वारा मेडिसनल प्लांट बोर्ड के सदस्य के रूप में दी गयी सेवाएं देश के व मारवाड़ के किसानों के लिए बहुत लाभदायक रही थी । आपके माध्यम से हमने जाना कि तुलसी अत्यंत महत्वपूर्ण एवं उपयोगी पौधा है। इसके सभी भाग अलौकिक शक्ति और तत्वों से परिपूर्ण बताए गए है । आप इसी तरह हमारा मार्गदर्शन करते रहें । सादर प्रणाम
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