सूर्यनमस्कार
सूर्यनमस्कार सभी योगासनों का समिश्रण है। सूर्यनमस्कार के 12 चरण होते है। इन 12 चरणों को विधिपूर्वक करने से शरीर के सभी प्रमुख अंगों के व्यायाम हो जाते है। प्रत्येक चरण का नाम होता है जैसे:- प्रणामासन,हसतउत्तनासन,पादहस्तासन,अश्व संचालनासन,दंडासन,अष्टांग नमस्कार,भुजंगासन,अधोमुख शवासन,अश्व संचालनासन,पादहस्तासन,हसतउत्तनासन, प्रणामासन। सूर्यनमस्कार को 5 से 10 मिनट तक करना पर्याप्त है। इसको सूर्य के सामने किया जाना ज्यादा लाभदायक होता है। यह शरीर के साथ साथ दिमाग को भी स्वास्थ्य रखता है। सूर्यनमस्कार को स्टेप बाइ स्टेप ही करना चाहिए। सूर्यनस्कर के प्रत्येक चरण को करते समय टाइमिंग, श्वांस की गति और विभिन्न अंगों की स्थिति का पूरा ध्यान रखना चाहिए। प्रत्येक मुद्रा मे अलग अलग अंगों का व्यायाम होता है। सूर्यनमस्कार करने से शरीर के सभी प्रमुख अंगों का व्यायाम हो जाता है जैसे रीढ़ की हड्डी,गर्दन,सिर, पीठ,भुजाये,हथेलियाँ,घुटने, जांघे,कोहनी,आँखे,कंधे,सीना आदि।
सूर्यनमस्कार करने से कई बीमारियों का इलाज होता है। सूर्यनमस्कार सभी योगासनों मे सर्वश्रेष्ठ है। अतः यह बालक,युवा,वृद्धों,स्त्री और पुरुषों के लिए लाभदायक होता है। प्रतिदिन सूर्यनमस्कार करते रहने से आयु,प्रज्ञा,बल,वीर्य और तेज बढ़ता है। सूर्यनमस्कार करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है, पेट की चर्बी घटती है, चिंता और तनाव दूर होते है, शरीर मे लचीला पन रहता है, शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है। प्रतिदिन सूर्यनमस्कार करने से शरीर निरोगी,स्वस्थ,और चेहरा ओजपूर्ण रहता है। नियमित सूर्यनमस्कार करने से शरीर की मांसपेशियों मे लचीलापान आता है। यह थाइरॉइड की समस्या को दूर करता है। सूर्यनमस्कार हमेशा खुली और हवादार जगह पर करना चाहिए। आरामदायक और ढीले वस्त्र पहने। सवेरे के समय सूर्यनमस्कार पूर्व दिशा मे मुह करे। यदि शाम को सूर्यनमस्कार करे तो मुह पश्चिम दिशा की ओर रखे। सूर्यनमस्कार किसी योग्य शिक्षक से प्रैक्टिकल सीखकर करना ज्यादा लाभदायक होता है।
Very useful.
ReplyDeleteExcellent & Most Useful for Physical , Mental & Spiritual Health !
ReplyDeleteGood yoga knowledge
ReplyDeleteSurya Namskar or Salute to the Sun Boosts immune System
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