सरल योगासन
मैं सातवी कक्षा मे पढ़ता था। उस समय मेरा अधिकतर समय मेरे अध्यापक श्री सुरेश कुमार जी सुमन के यहा व्यतीत होता था। श्री सुमन जी को पुस्तके पढ़ने का बहुत शोक था। उनके जीवन का मेरे ऊपर भी प्रभाव पड़ा। मैं भी तरह तरह की पुस्तके मँगाकर पढ़ता था। योगासन से संबंधित पुस्तके डॉ लक्ष्मी नारायण शर्मा (दिल्ली),डॉ विठ्ठल दास मोदी (गोरखपुर),डॉ धर्मचन्द सरावगी (कलकता) एवं डॉ खुशी राम दिलखुश (लखनऊ) की लिखी हुई पुस्तके बड़े चाव से पढ़ता था। इन सचित्र पुस्तकों को पढ़कर मैंने सरल योगासन सीखे। जैसे ताडासन ,भुजंगासन,धनुरासन, मयूरासन,वज्रासन,पद्मासन,सर्वांगासन,त्रिकोणासन,शवासन आदि अनेक प्रकार के सरल योगासन सुबह शाम करता था ।
21 जून विश्व योग दिवस होता है। विद्यार्थी जीवन मे किए गए आसन आज बुढ़ापे मे भी कर सकते है। आसन करने के नियम, अवस्थाएं एवं सावधानियों का वर्णन इन पुस्तकों मे सचित्र किया गया था। जो आसन बचपन मे उपयोगी थे वे आसन आज बुढ़ापे मे भी उतने ही उपयोगी है। सरल योगासन से शरीर के प्रत्येक अंग का व्यायाम समुचित रूप से हो जाता है जैसे:- गर्दन, आंखे, जीभ, घुटने,पीठ,भुजाये,सीना,पंजे,पेट आदि।
इन उपयोगी पुस्तकों को पढ़कर अपने परिवार मे सब को योगासन सिखा सकते है। योगासन सीखने के लिए आजकल इंटरनेट भी बहुत सहायक होता है। मोबाईल फोन और लैपटॉप द्वारा भी विभिन्न साइट्स से योगासन सीख सकते है। योगासन करते समय उसका टाइमिंग, श्वांस की गति, एकाग्रता आदि का ध्यान किसी शिक्षित प्रशिक्षक द्वारा प्रैक्टिकल सीखना चाहिए। बचपन मे सीखे हुए योगासन जीवन भर काम आते हैं। स्वस्थ रहने के लिए नियमित रूप से परिवार मे सभी सदस्यों को योगासन कराना चाहिए।
आपने बहुत अच्छा मुद्दा उठाया । पुस्तकें पढ़ना इन दिनों कम हो गया है जो चिंताजनक है । आपसे प्रेरणा लेकर नई पीढ़ी पुस्तकें पढ़े , योग करे तो जीवन सफल हो जाये । योग और ध्यान मन की शांति और बेहतर सेहत के लिए जरूरी माना जाता है। अक्सर लोग सोच बैठते हैं कि योग केवल शरीर को लचीला बनाने के लिए ही किया जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। योग के ढेरों आसन हैं, जिनके कई फायदे हैं। योग की सहायता से लोग जीवन भर स्वस्थ बने रह सकते हैं। अक्सर लोग योग को स्वास्थ्य लाभ के लिए एक धीमा माध्यम मान लेते हैं। लेकिन ऐसा है नहीं। कुछ दिन में ही योग का असर दिखने लगता है। योग लोगों को स्वास्थ्य रहने में कई तरह से मदद कर सकता है। जानकारी के अभाव में लोग योग का लाभ नही उठा पाते हैं। आपने जानकारी दी उस हेतु बहुत बहुत आभार । प्रणाम सा
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