ऑन लाइन गेम्स
ऑन लाइन गेम्स बच्चों के लिये खतरनाक जहर का काम कर रहा हैं। इनको खेलते रहने से बच्चे मानसिक रूप से बीमार, चिड़चिड़े, शारीरिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं। इतना ही नहीं आखों की रोशनी कम हो रही हैं। बच्चों मे अवसाद, एकान्त प्रियता पैदा होती है तथा पढ़ाई में रूचि नहीं रहती हैं। परिवार से अलग-थलग पड़ जाता हैं। कई गेम्स खेलने से आर्थिक हानि भी होती हैं। पता नहीं कितने रूपये बच्चे खो चुके हैं। जवानी का अमूल्य समय गंवा कर इन ऑन लाइन गेम्स के एडिक्ट हो गये हैं।
अब तो
पेरेन्टस के साथ-साथ भारत
सरकार को भी चिन्ता हो
गयी हैं। इन ऑन लाइन
गेम्स को रोकने
के लिये सरकार
गाइडलाइन भी बना
रही हैं। ऑन लाइन गेम्स
का भारत में
बहुत बड़ा बाजार
आई टी कम्पनियों
को लग रहा हैं। एक
सर्वे के अनुसार
भारत में ऑनलाइन
गेमिंग मार्केट 2022 में
135 अरब रू. का था। 2012 में यह मात्र 5.3 अरब रू. का ही
था। अनुमान हैं
कि 2025 तक यह व्यापार 231 अरब रूपयें
का हो जायेगा।
ऑन लाइन गेमिंग
के द्वारा धर्म
परिवर्तन का कार्य
भी बखूबी किया
जा रहा हैं ऐसा पूलिस
को पता चल चुका हैं।
केन्दीय मंत्री राजीव
चन्द्रशेखर ने स्पष्ट
किया की ऑनलाइन
गेमिंग रोकनें के
लिये फ्रेमवर्क कन्सलटेन्ट
के बाद नोटिफाई
किया है। भारत
में किसी तरह
के ऑन लाइन गेम्स स्वीकृति
नहीं दी जाएगी।
ऑन लाइन गेम
से कई प्रकार
की स्वास्थ्य समस्यायें
सरकार को नजर आयी हैं
जैसे पोश्चर खराब
होना, विजन लॉस,
यहाँ तक कि ब्रेन डेमेज
का भी कारण हैं।
इतने खतरनाक परिणाम
वाले ऑन लाइन गेम्स हमारें
बच्चें मोबाइल व
लेपटाप पर धड़ल्ले
से खेल रहे हैं। यह
बात हर माता-पिता को
भी पता हैं।
अब इनके खतरनाक
दुष्परिणाम आपको पता
चल गया हैं।
इस पर घर में ही
पूर्ण रूप से रोक लगाकर
अपने बच्चों की
जिन्दगी बचा लें।
Online games impacting character children's mind very negatively, parents should make themselves more intresting then the online games and spent a lot of time with them is the only way to prevent from this poison.
ReplyDeleteSahi baat he sa
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