कुपोषण : एक वैश्विक समस्या
पुरे विश्व में दो तरह का कुपोषण पाया जाता है। पहला कुपोषण जिन बच्चो को पर्याप्त पोषक तत्वों वाला भोजन उपलब्ध नहीं होता। विशेषकर गावों में गरीबो के बच्चो को दूध-दही , हरी सब्ज़ियां , फल आदि उपलब्ध नहीं होते है। अतः वे बच्चे सूखे-सूखे जाते है। यही हाल कच्ची बस्तियों में रहने वाले निर्धन बच्चो का भी होता है। हलाकि कच्ची बस्ती में रहने वाले बच्चो को घटिया किस्म का बिस्कुट , ब्रेड , टोस्ट आदि उपलब्ध होते है , लेकिन उनमे पौष्टिकता नगण्य होती है।
दूसरा अमीर लोगो के बच्चो को भूख से ज्यादा फ़ास्ट फ़ूड मातायें खिलाती रहती है जिनमे खतरनाक केमिकल्स पड़े रहते है। Overeating की वजह से अमीर घरो के बच्चो में बचपन से ही अत्यधिक मोटापा देखा जाता है। यह मोटापा Child Obesity के नाम से महामारी की तरह फैल रहा है। यह भी कुपोषण का ही रूप है। दोनों तरह के कुपोषण से विभिन्न प्रकार की बीमारिया बच्चो को घेर लेती है। आगे जाकर ये बीमारियां अधिक घातक होती जाती है। पुरे विश्व में कुपोषण एक चिंता का विषय है। विश्व स्वास्थ संघठन (WHO) द्वारा सभी देशो में वहा की सरकारों और स्वयं सेवी संस्थानों के साथ मिलकर कुपोषण को मिटाने के लिए कई कार्यक्रम चलाये जाते है।
कुपोषण को दूर करने के लिए जो आहार बच्चो को दिया जाये वह स्थानीय , Seasonal एवं सुगमता से उपलब्ध होना चाहिए। छोटे बच्चो की भोजन श्रृंखला में मोटे अनाजों का समावेश करना चाहिए। बाजरा , जवार आदि मोठे अनाजों से विभिन्न प्रकार की receipes बनाकर दिन में कई बार दी जानी चाहिए ताकि उनका पाचन संस्थान स्वस्थ रह सके। पौष्टिक भोजन जरूरी नहीं हो की महंगा ही हो। मोठे अनाज के विभिन्न पेय और खादय पदार्थ बनाकर बच्चो को खिलने से बच्चे स्वस्थ रहेंगे और उनका समग्र विकास होगा। बच्चो के भोजन से Fast Food जैसे Maggi , Pasta , Pizza , Burger , Cake , Cold Drinks आदि खतरनाक खाद्य सामग्री को बिलकुल नहीं रखना चाहिए। Fast Food में पड़ने वाले खतरनाक Chemicals , Flavours , Colours , Preservatives , Taste Developers अत्यधिक नमक और शक्कर कई बीमारियों जैसे Cancer , Diabetes , मोटापा , Heart Attack , Kidney Failure , Liver Failure आदि बीमारियों को निमंत्रण देते है। अतः Fast Food से बचो और मोठे अनाज का सेवन बढ़ाओ। विश्व स्वास्थ संघठन (WHO) ने सहजन (Moringa) के पत्तो , फलियों एवं फूलो को विभिन्न प्रकार खाद्य पदार्थ बनाकर बच्चो की भोजन श्रृंखला में समावेश करने का प्रयास करता है। Malnutrition की यह बहुत अच्छी पोषक तत्वों से भरपूर औषधि है। इसका प्रयोग भोजन में बढ़ाना
चाहिए।
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DeleteVery informative.
ReplyDeleteNarayan Dasaji, Namaste !
ReplyDeleteYour blog is appreciable, it’s grass root movement! Continue to share your wealthy experiences for wellbeing of people !
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ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteसही कहा आपने । यह अमीरों और गरीबों में एक सर्वव्यापी समस्या है।
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ReplyDeleteGood information
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